योगी आदित्यनाथ की नई कैबिनेट को लेकर चर्चा हुई तेज, मंत्रिमंडल में ये नए चेहरे हो सकते हैं शामिल

उत्तर प्रदेश की विधानसभा चुनाव के परिणामों (UP Election Result) ने पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा शुरू कर दी है. विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले ही उत्तर प्रदेश में किसानों की नाराजगी ,बेरोजगारी ,महंगाई और आवारा पशुओं की समस्याओं को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरा और एक बड़ा माहौल भी बनाया. खुद अखिलेश यादव की सभाओं में जुट रही भारी भीड़ से यह अनुमान लगाया जा रहा था कि उत्तर प्रदेश में सरकार बदल सकती है. वहीं प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुवाई में चुनाव परिणाम ने सबको चौंका दिया. जनता ने फिर से भाजपा और बुलडोजर बाबा पर भरोसा जताया है. वही 32 सालों के इतिहास में योगी आदित्यनाथ ने यह रिकॉर्ड भी बनाया है कि भाजपा का कोई सीएम दोबारा चुनाव लड़कर बहुमत के साथ दोबारा जीतकर आया. अब नई सरकार के गठन को लेकर तेजी से चर्चाएं शुरू हो गई है. चुनाव परिणाम में प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत 11 मंत्री चुनाव हार गए. ऐसे में इस बार अब नए मंत्रिमंडल (Cabinet) में नए चेहरों को जगह मिलने की चर्चाएं तेज हो गई है.

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार का गठन होली बाद होगा. वहीं दिल्ली में होने वाली बैठक में मंत्रिमंडल के गठन का स्वरूप और नए चेहरों पर भी मंथन होगा . नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और बीजेपी के तमाम बड़े नेता शामिल होंगे.

योगी की 2.0 सरकार में ये नए चेहरे हो सकते हैं मंत्री

उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम आने के बाद अब नई सरकार के गठन को लेकर चर्चा तेज हो गई है. वहीं इस बार केशव प्रसाद मौर्य समेत 11 मंत्री चुनाव हार चुके हैं. इसी वजह से इस बार मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किए जाने की चर्चा है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश के नए मंत्रिमंडल में डेढ़ दर्जन नए चेहरों को मौका मिल सकता है. इसके अलावा भाजपा के सहयोगी दल निषाद पार्टी और अपना दल के विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी. योगी आदित्यनाथ की सरकार में नए चेहरे के रूप में कई नामों की चर्चा भी तेज है..

बेबी रानी मौर्य

उत्तर प्रदेश कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने रिकॉर्ड बनाते हुए भाजपा को बहुमत के साथ दोबारा सत्ता पर काबिज किया है. वही इस सरकार को बनाने में दलित मतदाताओं बड़ी भूमिका है. इसी वजह से उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को दलित चेहरे के रूप में डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा तेजी से चल रही है.

राजेश्वर सिंह

ईडी में जॉइंट डायरेक्टर रहे राजेश्वर सिंह ने भी चुनाव से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में शामिल हुए और उन्हें लखनऊ के सरोजनी नगर विधानसभा सीट से पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा. उन्होंने सपा के कद्दावर नेता अभिषेक मिश्रा को चुनाव मैदान में शिकस्त दी है. वहीं नई सरकार में उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चा है.

केतकी सिंह

उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद की बांसडीह विधानसभा सीट पर भाजपा की महिला प्रत्याशी केतिका सिंह ने पहली बार जीत दर्ज की है. उन्होंने सपा के कद्दावर नेता रामगोविंद चौधरी को चुनाव में शिकस्त दी है .इस वजह से उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है.

नितिन अग्रवाल

कद्दावर नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुए और उन्होंने जीत दर्ज की है. उन्हें पिछली सरकार में डिप्टी स्पीकर भी बनाया गया था .वहीं अब नए मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना जताई जा रही है.

दयाशंकर सिंह

बलिया की सदर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने जीत दर्ज की है. इस बार उनकी पत्नी स्वाति सिंह को पार्टी ने टिकट नहीं दिया .जबकि पिछली सरकार में सरोजिनी नगर की विधानसभा सीट से विधायक रही स्वाति सिंह को मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी. वहीं इस बार दयाशंकर सिंह को मंत्रिमंडल के नए चेहरों में शामिल किए जाने की चर्चा है.

शलभ मणि त्रिपाठी

देवरिया सदर सीट से दूसरी बार जीत दर्ज करने वाले मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार सलाम मणि त्रिपाठी को मंत्रिमंडल के नए चेहरों में शामिल किए जाने की चर्चा है.

अदिति सिंह

रायबरेली सदर विधानसभा सीट से भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है .इसके पहले यह सीट कांग्रेश की सीट मानी जाती रही है .2017 में इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर आदित्य सिंह ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. लेकिन चुनाव से पहले ही उन्होंने कांग्रेस को छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली. भाजपा ने उन्हें प्रत्याशी के रूप में रायबरेली सदर सीट से चुनाव मैदान में उतारा .वही अब जीत दर्ज करने के बाद उन्हें नए मंत्रिमंडल में जगह दी जाने की चर्चा हो रही है।

असीम अरुण

पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में चुनाव से पहले शामिल हो गए और कन्नौज विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. उन्हें जीत भी मिली. वहीं अब उन्हें मंत्रिमंडल के नए चेहरों में शामिल किए जाने की चर्चा तेज चल रही है.

श्रवण कुमार निषाद

भाजपा की सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे श्रवण कुमार निषाद को नए मंत्रिमंडल में मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना जताई जा रही है. वे गोरखपुर की चौरी चौरा विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं.

सुरेंद्र कुशवाहा

भाजपा की पिछली सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से पहले भाजपा पर आरोप लगाते हुए सपा में शामिल हो गए .वही फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े स्वामी प्रसाद मौर्या को भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने चुनाव में शिकस्त दी है. इस वजह से उन्हें भी नए मंत्रिमंडल में चेहरा बनाए जाने की चर्चा है.

अंजुला माहौर

पूर्व मेयर और हाथरस सुरक्षित सीट से विधायक चुने गए अंजुला सिंह माहौर दलित महिला के रूप में एक बड़ा चेहरा भी है .वही उन्हें चुनाव में एक लाख मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज करने के चलते मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है.

अनुराग सिंह

भाजपा के कद्दावर नेता रहे ओमप्रकाश सिंह के बेटे अनुराग सिंह चुनार विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है. वहीं इस बार नए मंत्रिमंडल में अनुराग को मंत्री बनाया जा सकता है. कुर्मी बिरादरी से आने वाले अनुराग सिंह को जातिगत समीकरण साधने के लिए मंत्री बनाए जा सकता है.

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आशीष पटेल

भाजपा की सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल की मुखिया अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल को इस बार योगी सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.

असीम राय

कुशीनगर की तमकुही राज विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी असीम राय ने जीत दर्ज की है. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को चुनाव मैदान में हराया. वही इस सीट पर जीत दर्ज करने के बाद उन्हें भी मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है.