बीते दिन उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जेल में हुई खूनी जंग के मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सख्त नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस खूनी जंग में मऊ के बाहुबली मुख़्तार अंसारी के करीबी मुकीम काला सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले को लेकर सख्त रवैया अपनाते हुए योगी सरकार ने जिला कारागार चित्रकूट के अधीक्षक एसपी त्रिपाठी और जेलर महेंद्र पाल को निलंबित कर दिया है। जेल अधीक्षक को निलंबित कर डा संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है।
चित्रकूट घटना के बाद चला तबादले का चाबुक
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों अधिकारियों के खिलाफ उप्र सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम सात के तहत अनुशासनिक कार्यवाही भी शुरू की गई है। निलंबन का आदेश अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने जारी किया है। शासन ने यह कार्रवाई डीजी जेल की रिपोर्ट मिलने के बाद की है।
इन दोनों अधिकारियों के निलंबन के साथ ही शासन ने जिला कारागार कासगंज के अधीक्षक अशोक कुमार सागर को जिला कारागार चित्रकूट के जेल अधीक्षक तथा जिला कारागार अयोध्या के कारापाल सीपी त्रिपाठी को जिला कारागार चित्रकूट में कारापाल के पद पर स्थानांतरित किया है।
इसके अलावा उप महानिरीक्षक कारागार लखनऊ परिक्षेत्र संजीव त्रिपाठी को उप महानिरीक्षक कारागार प्रयागराज के पद पर स्थानांतरित किया गया है। इन्हें अयोध्या परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है। वरिष्ठ अधीक्षक कारागार मथुरा शैलेंद्र कुमार मैत्रेय को उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय और उप महानिरीक्षक कारागार लखनऊ परिक्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। स्थानांतरित अधिकारियों को तत्काल नवीन तैनाती वाले कार्यस्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चित्रकूट जेल में हुई इस हिंसक घटना की जांच कर छह घंटे के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश सुनाया था, जिसके बाद आयुक्त चित्रकूट डीके सिंह, पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट के। सत्यनारायण और उप महानिरीक्षक कारागार मुख्यालय संजीव त्रिपाठी की संयुक्त टीम मामले की ताबड़तोड़ जांच कर रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद ही जेल प्रशासन ने यह कार्रवाई की।
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आपको बता दें कि बीते दिन चित्रकूट जेल गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी थी। बीते दिन घटी इस घटना में सीतापुर के शार्प शूटर अंशुल दीक्षित उर्फ अंशू ने दो कुख्यात अपराधियों मुकीम काला और मेराजुद्दीन को गोलियों से भून डाला था। ये दोनों की अपाधी मुख्तार अंसारी के गुर्गे बताए जा रहे हैं। इसके बाद एनकाउंटर में अंशू को भी मार गिराया गया।