बंगाल हिंसा को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, NCSC ने बयां की अनदेखी सच्चाई

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद सूबे में शुरू हुई हिंसक घटनाओं का क्रम लगातार जारी है। इन हिंसक घटनाओं को लेकर बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने इन हिंसक घटनाओं को लेकर बड़ा खुलासा किया है। दरअसल, बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं की जांच कर रही NCSC ने पूरा ब्यौरा पेश किया है।

NCSC ने पत्रकारों को किया संबोधित

मिली जानकारी के अनुसार, NCSC के प्रमुख विजय सांपला ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बताया कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के नतीजों के बाद 2 मई से ही बलात्कार और हत्याएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि 2 मई के बाद पश्चिम बंगाल में जिस तरह से घटनाएं हुई हैं, वह चिंताजनक है। 1947 यानी आजादी के बाद पहली बार बलात्कार और हत्याएं बिना किसी राज्य संरक्षण के हो रही हैं। बंगाल हिंसा में सबसे अधिक प्रभावित अनुसूचित जाति के लोग हुए हैं।

मामलों की संख्या का ब्योरा देते हुए विजय सांपला ने कहा कि बंगाल में एससी समुदाय के खिलाफ हिंसा में अब तक 10-12 बलात्कार, 15-20 हत्या के मामलों सहित 1627 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं 672 नए मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि मैंने इस पूरे मामले में एडीजीपी को एसएचओ के खिलाफ जांच करने के लिए कहा है। पुनर्वास। (ग्रामीणों का) राज्य द्वारा वहन किया जाना चाहिए।

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NCSC प्रमुख विजय सांपला ने कहा कि जब मैंने नबाग्राम का दौरा किया, तो पुलिस ने मुझे बताया कि दोनों पक्षों के अपराधी एससी समुदाय से थे, लेकिन पूछताछ करने पर हमने पता चला है कि इसमें कई शख्स ऐसे भी शामिल थे, जो जनरल कैटेगरी से आते हैं। और जो (एससी से) शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे, उनपर हमला किया जा रहा था, उनको मारा-पीटा जा रहा था। उनके घर लूट लिए जाते थे। लोग पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से डर रहे हैं।