प्रयागराज। आस्था और आध्यात्म का सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ प्रयागराज में पूरे जोश और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान कर पुण्य अर्जित किया है। आगामी 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के महापर्व पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं।
महाकुंभ में अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। पिछले 17 दिनों में 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं, जो किसी भी कुंभ मेले में पहली बार हुआ है। मकर संक्रांति के दिन अकेले 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में अमृत स्नान किया, जिसमें पूज्य संत और कल्पवासी भी शामिल थे। महाकुंभ के दौरान कुल 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया है।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या के महापर्व पर संगम में स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। प्रयागराज रेल मंडल ने इस अवसर पर शहर के सभी रेलवे स्टेशनों पर विशेष प्रबंध किए हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार, 25 जनवरी से ही प्रतिदिन लगभग एक करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर यह संख्या 10 करोड़ तक पहुंच सकती है।
प्रयागराज रेल मंडल ने यात्रियों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए सभी रेलवे स्टेशनों पर विशेष व्यवस्था लागू की है। यह योजना 25 जनवरी से शुरू होकर मौनी अमावस्या के एक दिन पहले और दो दिन बाद तक जारी रहेगी। इस दौरान रेलवे ने यात्रियों की सुगम निकासी और उनकी सुविधा के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की है।
यह सागर है आस्था का, यह संगम है विश्वास का…#एकता_का_महाकुम्भ pic.twitter.com/9cq7UeHE5B
— Mahakumbh (@MahaKumbh_2025) January 28, 2025
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि भीड़भाड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफॉर्म पर प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। इसके अलावा, हेल्पडेस्क, सूचना केंद्र और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है।महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की है। मौनी अमावस्या के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के जरिए निगरानी रखी जा रही है। इसके अलावा, घाटों पर मेडिकल टीम और आपातकालीन सेवाओं को भी तैनात किया गया है।
प्रत्येक स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी हो रही है। आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के इस आयोजन में हर दिन लाखों लोग संगम में डुबकी लगा रहे हैं। स्नान के साथ ही श्रद्धालु पूजा-अर्चना, कथा, और भजन-कीर्तन में भी हिस्सा ले रहे हैं।महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। यह आयोजन हर 12 साल में होता है और लाखों श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और पुण्य का अवसर प्रदान करता है। मौनी अमावस्या का स्नान इस महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है।आस्था, भक्ति और सुरक्षा के इस समागम ने एक बार फिर साबित किया है कि भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई में लोगों की अटूट श्रद्धा आज भी जीवंत है।