समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भीम आर्मी के प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद की पार्टी से गठबंधन न होने के पीछे राजनीतिक साजिश की आशंका जताई है।
अखिलेश ने सोमवार को पार्टी कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि उन्होंने चंद्रशेखर की पार्टी को दो विधानसभा सीटें देने की बात कही थी। इस पर वे राजी भी हो गए थे, लेकिन कुछ देर बाद उन्होंने फोन पर पता नहीं किससे बात की और फिर दो सीटें लेने से इनकार कर दिया। अखिलेश ने कहा कि सपा ने अपने गठबंधन में लोगों को साथ लेने के लिए बहुत त्याग किया है। हम भाजपा को हराने के लिए कटिबद्ध हैं।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने चुनाव के कारण कृषि कानूनों को वापस लिया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान जो अन्नदाताओं पर झूठे मुकदमे किए गए हैं, उन्हें सपा की सरकार बनने पर वापस लिया जाएगा। आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिजनों को सरकार बनने के बाद 25 लाख रुपये की राहत दी जाएगी। अंग्रेजों की सरकार में भी ऐसा जुल्म नहीं हुआ होगा, जैसा भाजपा की सरकार में हुआ। जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने सीने पर गोली चलाई और लखीमपुर में भाजपा नेताओं ने आंदोलन के बाद शांतिपूर्ण वापस लौट रहे किसानों पर पीछे से गाड़ी चलाई। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन इसमें भी वह सफल नहीं रही।
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अखिलेश ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को उनके परिवार के लोगों की ज्यादा चिंता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी एक लिखित शिकायत निर्वाचन आयोग को करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के मुद्दों पर ना फंसिए, अन्य संकल्प लीजिए। मैंने अपना चुनाव देखा है, कन्नौज में कितने नोटिस जारी हुए।