नई दिल्ली: अक्सर इंसान के जीवन में परेशानियां अचानक नहीं आतीं, बल्कि उसके पहले कुछ संकेत मिलने लगते हैं। घर में बिना वजह तनाव बढ़ना, काम-धंधे में रुकावट, पैसों की तंगी और परिवार के सदस्यों की तबीयत बिगड़ना—ये सभी आने वाले बुरे दौर की आहट माने जाते हैं। शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, ऐसी अशुभ घटनाओं से पहले घर में कुछ अजीब संकेत दिखाई देने लगते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना नुकसानदेह साबित हो सकता है।
तुलसी का पौधा सूखना
हिंदू धर्म में तुलसी को अत्यंत पवित्र माना गया है और इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप कहा जाता है। घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहना सुख-समृद्धि का संकेत माना जाता है। वहीं, अगर तुलसी का पौधा अचानक सूखने लगे तो इसे आर्थिक तंगी और दुर्भाग्य का संकेत माना जाता है।
बार-बार कांच का टूटना
घर में कभी-कभार कांच या दर्पण टूटना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह बार-बार होने लगे तो इसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि कांच टूटना किसी बड़ी विपत्ति या पारिवारिक कलह की ओर इशारा करता है। टूटे या चटके हुए कांच को घर में रखना भी अशुभ माना गया है।
सोने का खो जाना
यदि सोने का आभूषण खो जाए और काफी प्रयास के बाद भी न मिले, तो इसे धन हानि का संकेत माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सोने का खोना घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ने का इशारा करता है।
बिल्ली का रोना
घर के आसपास बिल्ली के रोने की आवाज सुनाई देना अपशकुन माना गया है। मान्यता है कि इससे घर की सुख-शांति प्रभावित होती है और कोई अनचाही घटना घट सकती है। वहीं, बिल्ली का अचानक रास्ता काटना भी अशुभ संकेतों में गिना जाता है।
घर के आसपास चमगादड़ मंडराना
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, घर के आसपास चमगादड़ों का बार-बार दिखना या मंडराना किसी बड़ी परेशानी की चेतावनी माना जाता है। ऐसे में व्यक्ति को सतर्क रहने और सोच-समझकर फैसले लेने की सलाह दी जाती है।
पूजा के समय दीया बुझना
अगर घर के मंदिर में आरती या पूजा के दौरान दीया बार-बार बुझ जाए, तो इसे देवी-देवताओं की नाराजगी का संकेत माना जाता है। मान्यता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
हाथ में पैसा न टिकना
कमाई के बावजूद बचत न हो पाना और पैसा आते ही खर्च हो जाना भी माता लक्ष्मी के रुष्ट होने का संकेत माना जाता है। यह आर्थिक अस्थिरता और आने वाले संकट की ओर इशारा करता है।
शास्त्रों के अनुसार, इन संकेतों को हल्के में लेने के बजाय समय रहते सावधानी बरतनी चाहिए और सकारात्मक उपायों को अपनाना चाहिए, ताकि जीवन में संतुलन और सुख-शांति बनी रहे।
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