हस्तरेखा शास्त्र को हस्त समुद्र शास्त्र के रूप में जाना जाता है और इसे वैदिक ज्योतिष का एक सहज हिस्सा माना जाता है। यदि वैदिक दृष्टिकोण से हस्तरेखा अध्ययन किया जाता है, तो व्यक्ति अपने जीवन का बेहतर तरीके से आत्मनिरीक्षण कर सकता है। हाथों को एक निर्धारक का दर्जा दिया जाता है, जो हमारे जीवन को बनाने में हमारी मदद करता है। यह भी माना जाता है कि हथेली के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न ग्रह स्थित होते हैं। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार हथेली में शुभ और अशुभ योग देखें जाते हैं। यदि हथेली में कोई अशुभ योग बने तो व्यक्ति को समय रहते कोई उपाय करना चाहिए। आइए जानते हैं हथेली में बनने वाले कुछ ऐसे ही अशुभ संकेतों के बारे में जानते हैं, जो जिंदगी को मुश्किल में डालते हैं।
विवाह रेखा में ऊपर नीचे होने से इसका प्रभाव दाम्पत्य जीवन में देखने को मिलता है। यह रेखा हाथ में सबसे छोटी उंगली के नीचे होती हैं और हथेली के बाहरी हिस्से से अंदर की ओर आती हुई दिखती हैं।
यदि जातक के हाथ में एक से अधिक विवाह रेखा हों तो उसके एक से ज्यादा प्रेम संबंध होते हैं।
विवाह रेखा लंबी हो तो जातक के विवाहेतर संबंध रहते हैं।
यदि किसी जातक की विवाह रेखा पर तिल है तो उसके जीवनसाथी को मृत्यु का खतरा है।
विवाह रेखा के प्रारंभ में द्वीप का निशान हो तो जातक का दांपत्य जीवन सुखी नहीं रहता, उस जातक के जीवनसाथी के विवाहेतर संबंध होते हैं।
यदि किसी जातक की विवाह रेखा की शुरुआत दो हिस्सों में बंटी हो तो ऐसे जातकों का तलाक होने या रिश्ते में दूरी आने की आशंका रहती है।
विवाह रेखा नीचे की ओर झुकी हुई और हृदय रेखा को काट दे तो यह उसके जीवनसाथी की मृत्यु हो सकती है।
यदि विवाह रेखा ऊपर की ओर मुड़कर छोटी उंगली तक पहुंच जाए तो ऐसे लोगों की शादी बहुत मुश्किल से होती है।