अगले वर्ष की शुरुआत में हुई हुई दिल्ली हिंसा मामले में आरोपी उमर खालिद की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। दरअसल, दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने उमर खालिद को तगड़ा झटका दे दिया है। अदालत ने आरोपित उमर खालिद की नई जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी गई है। बताया जा रहा है कि एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत की अनुपस्थिति की वजह से अदालत ने यह फैसला लिया है। इस मामले की सुनवाई के लिए 23 सितंबर का दिन निर्धारित किया गया है।
उमर अब्दुल्ला ने वापस ले ली थी अपनी जमानत याचिका
मिली जानकारी के अनुसार, छह सितम्बर को उमर खालिद ने पहले से दायर अपनी जमानत याचिका को वापस लेते हुए नई जमानत याचिका दायर की थी। उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदिप पायस ने कहा था कि उन्होंने पहले जो जमानत याचिका दायर की थी वो अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 439 के तहत दायर की गई थी।
दिल्ली पुलिस की ओर से इस याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानने पर पायस ने धारा 439 के तहत दायर याचिका वापस ले ली और अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 437 के तहत नई याचिका दायर की। कोर्ट ने धारा 437 के तहत दायर नई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
दरअसल इस मामले की एक आरोपित इशरत जहां की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर अमित प्रसाद ने धारा 439 के तहत दायर याचिका को सुनवाई योग्य नहीं मानते हुए खारिज करने की मांग की थी। अमित प्रसाद ने कहा था कि धारा 439 के तहत यूएपीए के तहत कोई स्पेशल कोर्ट सुनवाई नहीं कर सकता है। इसलिए इस कोर्ट के समक्ष धारा 437 के तहत दायर जमानत याचिका पर ही सुनवाई हो सकती है। इसी के बाद उमर खालिद की तरफ से धारा 439 के तहत दायर जमानत याचिका वापस लेते हुए धारा 437 के तहत याचिका दायर की गई।
उल्लेखनीय है कि क्राइम ब्रांच ने दिल्ली हिंसा मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। क्राइम ब्रांच ने उमर खालिद पर दंगे भड़काने, दंगों की साजिश रचने और देशविरोधी भाषण देने के अलावा दूसरी धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया था।
करीब 100 पेज की चार्जशीट में कहा गया है कि 8 जनवरी 2020 को शाहीन बाग में उमर खालिद, खालिद सैफी औऱ ताहिर हुसैन ने मिलकर दिल्ली दंगों की योजना बनाने के लिए मीटिंग की। इस दौरान उमर खालिद ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में हिस्सा लिया और भड़काऊ भाषण दिए। इन भाषणों में उमर खालिद ने दंगों के लिए लोगों को भड़काया है। चार्जशीट में कहा गया है कि जिन-जिन राज्यों में उमर खालिद गया, उसके लिए उसे आने-जाने और रुकने का पैसा प्रदर्शनकारियों के कर्ता-धर्ता इंतजाम करते थे।
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उमर खालिद को 13 सितम्बर 2020 को पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था। 17 सितम्बर 2020 को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 16 सितम्बर 2020 को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पेज का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंचा था।