सनातन धर्म के अनुसार गुरुवार से खरमास आरंभ होने जा रहा है। यह एक महीने तक रहेगा। खरमास माह में वैवाहिक व अन्य मांगलिक कार्यों को रोक दिया जाता है। अब अगले महीने जनवरी में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, तब खरमास समाप्त होगा। ये जानकारी ज्योतिषाचार्य पंडित विवेक दीक्षित ने दी।

बुधवार को ज्योतिषाचार्य पंडित विवेक दीक्षित ने बताया कि सूर्य बृहस्पति की राशियाें मीन या धनु में संचरण करते हैं तो इस अवधि को खरमास कहा जाता है। उन्होंने बताया कि सूर्य बृहस्पति की राशि धनु में दोपहर एक बजकर 10 मिनट पर प्रवेश करेंगे, तभी से खरमास माना जाएगा। उन्होंने बताया कि खरमास में विवाह, यज्ञोपवीत जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।
ज्योतिषाचार्य का कहना हैं कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहमण्डल की 12 राशियों में एक-एक माह संचरण करता है। सूर्य हर राशि में एक माह रहता है। यह चक्र चैत्र मास में जब सूर्य मेष राशि में आते हैं, तब से शुरू होता है और मीन राशि तक चलता है।
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उनका कहना है कि जनवरी माह मकरसंक्रांति के बाद से ही विवाह व शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है। जिसके बाद से विवाह कार्य सम्पन्न कराने में किसी भी प्रकार का कोई दोष नहीं माना जाता है। बल्कि ये शुभ मुहूर्त में देखा गया है।
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