अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पर लखनऊ में 'सहकार संवाद' का आयोजन

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 पर लखनऊ में ‘सहकार संवाद’ का आयोजन

लखनऊ । अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अवसर पर सहकार भारती उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित सहकार संवाद एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव स्टाफ ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट (एसीएसटीआई) उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड 472 सेक्टर 21 इंदिरा नगर लखनऊ के सभागार में बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.उदय जोशी राष्ट्रीय अध्यक्ष सहकार भारती रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता जितेन्द्र बहादुर सिंह अध्यक्ष यूपी. सी. बी. लिमिटेड ने किया।

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 का मुख्य उद्देश्य है ’सहकारिता से समृद्धि और विश्व का कल्याण और लोगों का जीवन बेहतर हो’ अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में ही भारत सरकार की सहकारिता मंत्रालय ने भारत में सहकारिता नीति-2025 को लागू किया। सहकारिता के माध्यम से भारत में समृद्धि हो इसी भाव को ध्यान में रखते हुए आज सहकार भारती द्वारा सहकार संवाद‘’ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

जिसमें मुख्य अतिथि डॉ उदय जोशी ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि सहकार भारती ने केंद्र सरकार के सामने कई बार सहकारिता नीति की शुद्धीकरण के लिए प्रस्ताव दिया। सरकार ने हम सब की बात को सुना और सहकारिता नीति बनाने की दिशा में एक सफल प्रयास हुआ जिसके लिए केंद्र सरकार को हम धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करते हैं और नई सहकारिता नीति-2025 को लागू किया। हम सबको यही नहीं रुकना है हमें सहकारिता को जन-आंदोलन बनाना है।

इसे जन-जन तक पहुंचना है। हम सबको मिलकर काम करना है। यह सक्षम भारत, समर्थ-भारत, स्वावलंबी -भारत बनाने के लिए सहकारिता के माध्यम से सहकार भारती तत्पर है। सहकारिता को स्कूली पाठ्यक्रम में एक विषय के रूप में शामिल कराना है, जिससे युवा पीढ़ी महिलाएं और कमजोर वर्गों का सहकारिता के प्रति समझ बढ़े और इन समितियों के माध्यम से समाज का वह कमजोर वर्ग लाभ प्राप्त करें जिससे वह समर्थ सक्षम एवं स्वालंबी हो सके।

सहकारिता के क्षेत्र में अनेक समितियों/ संस्थाओं की उपलब्धियां है। सहकारिता से जुड़े हर उद्यमी के सफलता की कहानी आमजन तक पहुंचे इसके लिए प्रचार प्रचार राष्ट्रीय सहकारी परिसंघ/संघ, समितियों के सफलता की कहानी है।

वह सोशल मीडिया के विभिन्न मंच या माध्यमों के द्वारा जन-जन तक पहुंचाना कि हम सबका लक्ष्य है और भविष्य की रणनीति भी है।सहकारिता में सहकार को बढ़ाना सहकारी संरचना को सशक्त करना और भौगोलिक पहुंच का विस्तार करना सहकारिता का मुख्य उद्देश्य है। जिससे सहकारी व्यावसायिक इकोसिस्टम के विकास को प्रोत्साहित करना और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक हमारे उत्पाद पहुंचे, इसके लिए बहुआयामी विस्तार को बढ़ावा देना है। जिससे सहकारी स्व-उद्यमियो की संख्या में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि हो।

कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन एवं मां भारती पर माल्यार्पण कर सहकार संवाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। स्वागत भाषण देते हुए कार्यक्रम में प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने अपने संबोधन में कहा-यद्यिप सहकार भारती उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय सहकार नीति 2025 को प्रदेश शासन के सहयोग से कार्यान्वित करने में कृति संकल्पित है, फिर भी कई मूलभूत कठिनाइयां यथा-कार्मिकों की समुचित व्यवस्था व इंफ्रास्ट्रक्चर के सुदृढ़ीकरण करने की नितांत आवश्यकता है।

कार्यक्रम के विषय परिवर्तन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राजदत्त पांडेय, राष्ट्रीय प्रमुख बी पैक्स प्रकोष्ठ सहकार भारती ने कहा-उत्तर प्रदेश में बी-पैक्स समितियों की आर्थिक परिस्थितियों को सुधारने के लिए में प्रदेश सरकार ने सकारात्मक कदम उठाये है लेकिन अभी इनको आर्थिक मजबूती देने के लिए कुछ निर्णय ऐसे लिए जाने जरूरी है जिससे गॉव का किसान समृृृृद्धिशाली हो। सहकार भारती केन्द्र और प्रदेश सरकार को सुझाव हेतु ज्ञापन प्रस्तुत करेगा।

संवाद कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष डीपी पाठक ने कहा-राष्ट्रीय सहकारी नीति 2025 का उद्देश्य से बहुत ही सारगर्भित है ,जिसमें सहकारिता के माध्यम से जीडीपी तीन गुना किए जाने और 30 प्रतिशत अतिरिक्त सहकारी संस्थाओं का गठन एवं 50 करोड़ निष्क्रिय सदस्यों को क्रियाशील सहकारी संस्थाओं से जोड़ना है।

सहकार संवाद कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहकार भारती उत्तर प्रदेश के प्रदेश महामंत्री ने कहा अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर केन्द्र सरकार द्वारा सहकारिता नीति लागू होने से गांव, गरीब, मजदूर और युवाओं का सहकारिता के माध्यम से हित निहित है जिससे भारत और भारतीय समृद्धि एवं स्वालंबी होंगें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जितेन्द्र बहादुर सिंह ,अध्यक्ष, यूपीसीबी लि ने कार्यक्रम में आये सभी सहकार बंधुओं को धन्यवाद देकर सभी का आभार व्यक्त किया।