राज्यसभा ने गुरुवार, 6 दिसंबर को भारतीय वायुयान विधेयक (बीवीवी), 2024 पारित कर दिया , जो 90 वर्ष पुराने विमान अधिनियम, 1934 का स्थान लेगा। इस वर्ष अगस्त में लोकसभा में पारित यह विधेयक विमानन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
विपक्षी दलों ने किया भारतीय वायुयान विधेयक का विरोध
इस बीच, इंडी अलायंस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने बिल का विरोध करते हुए दावा किया कि बिल का नाम अंग्रेजी से बदलकर हिंदी कर दिया गया है। उनमें से कुछ ने यह भी संकेत दिया कि बिल का हिंदी नाम जटिल है और यह संवैधानिक नियम का उल्लंघन करता है।
हालांकि, इसका जवाब देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने उच्च सदन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए नाम बदलकर हिंदी किया गया है और इसमें किसी संवैधानिक नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने नाम को लेकर बंद किया विपक्षियों का मुंह
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शुरू में बिल का नाम हिंदी में उच्चारण करना मुश्किल होगा, लेकिन धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाएगी। कई लोगों को इस नाम का उच्चारण करने में शर्म आती है, लेकिन इसमें शर्म की कोई बात नहीं है। पुराने बिल का नाम हिंदी में रखने का सरकार का इरादा सिर्फ़ भारत की संस्कृति को दर्शाना था।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में हम उपनिवेशवाद के कोकून को तोड़ना चाहते हैं और भारत के असली रंग दिखाना चाहते हैं। भारतीय वायुयान विधायक सभी भाषाओं का मिश्रण है। मैं एक तेलुगु हूं और मुझे अपनी भाषा पर गर्व है। इसके बावजूद, मैं हिंदी नाम का समर्थन करता हूं क्योंकि भारत को तेलुगु में भी भारत कहा जाता है। इसके अलावा वारयू भी एक तेलुगु शब्द है। इसलिए मेरे लिए बिल का नाम आधा तेलुगु है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा- धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाएगी
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि कई लोग अक्सर उनके नाम का गलत उच्चारण करते हैं क्योंकि वे ‘किंजरापु’ का उच्चारण नहीं कर पाते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह अपनी मूल पहचान बदलना चाहते हैं। उन्होंने दोहराया कि लोगों को इसकी आदत हो जाती है।
21 बार संशोधित हो चुका है विमान अधिनियम
भारत में विमान अधिनियम वर्ष 1934 में लागू किया गया था , जिसके बाद से अब तक इसमें 21 बार संशोधन हो चुके हैं। भारतीय वायुयान विधेयक अब विमान अधिनियम, 1934 को प्रतिस्थापित करने का प्रयास करता है, जबकि अधिनियम के अधिकांश प्रावधानों को बरकरार रखा गया है। यह सुरक्षा की देखरेख और विनियामक कार्यों के निष्पादन के लिए DGCA, सुरक्षा की देखरेख के लिए BCAS और दुर्घटनाओं की जाँच के लिए AAIB की स्थापना करता है।
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भारतीय वायुयान विधेयक विमान के डिजाइन, निर्माण, रखरखाव, कब्जे, उपयोग, संचालन, बिक्री, निर्यात और आयात तथा अन्य प्रासंगिक मामलों को विनियमित और नियंत्रित करेगा। इस विधेयक में नए अपराध और उनके लिए दंड जोड़े गए हैं। यह अधिनियम विमान निर्माण, कब्जे, उपयोग और व्यापार सहित उससे संबंधित गतिविधियों को भी नियंत्रित करता है। यह अधिनियम 6 दिसंबर 2024 को उच्च सदन में पारित किया गया था।