प्रधान पति के डर से हिंदू परिवारों ने किया पलायन का ऐलान, घर पर चस्पा किये पोस्टर

यूपी के कुशीनगर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. रामकोला थाने के सपहा दहाउर टोले के दलित बस्ती में 20 घरों में मकान बिकाऊ होने का पोस्टर लगने से हड़कंप मच गया. दलित बस्ती के लोगों ने पानी का टैंक लगाने के नाम पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. दलित बस्ती की महिलाओं ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान पर दबंगई करने और धमकाने का आरोप लगाया है. अपने घरों पर घर बिकाऊ होने का पोस्टर लगाने वाले घरों की तस्वीरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

दलित बस्ती में रहने वाले लोगों ने प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान के उत्पीड़न से तंग आकर मकान बेचने की बात कह रहे हैं. सपहा के दहाउर टोले में अनुसूचित जाति के अधिकांश लोगों का मकान है. चस्पा पोस्टर पर दो समुदायों का मामला सामने आने पर सोमवार देर रात पुलिस अधिकारी गांव में पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने घरों पर लगा पोस्टर भी फाड़ दिया, लेकिन ग्रामीण अपनी बात पर अड़े हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हरिजन आबादी की जमीन पर अगर पानी की टंकी बनी तो वे गांव से पलायन कर जाएंगे.

प्रधान पति पर है आरोप

कप्तानगंज तहसील के सपहा दहाउर टोले पर 284 नबर की जमीन हरिजन आबादी के नाम से दर्ज है. ग्राम प्रधान इशरत जहां के पति और प्रधान प्रतिनिधि महाफूज खान अनुसूचित जाति की आबादी की भूमि पर जबरन पानी की टंकी बनवाने का प्रस्ताव तैयार करा दिया है. जिसका विरोध जताने पर प्रधान प्रतिनिधि ने मुकदमा भी दर्ज करा दिया। आरोप है कि प्रधान प्रतिनिधि महफूज खान लगातार ग्रामीणों परेशान कर रहे हैं. उनके उत्पीड़न से तंग आकर ही लोगों ने मकान बेचने का फैसला लिया है और अपने घरों पर मकान बेचने का पोस्टर लगा दिया है.

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ADM के समझने पर मानें ग्रामीण

अपने घरों पर पोस्टर लगाने वाले लोगों का कहना है कि हरिजन आबादी के नाम पर दर्ज जमीन पर पानी की टंकी बनी तो वे सामूहिक रूप से गांव से पलायन कर जाएंगे। इसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे एडीएम देवीदयाल वर्मा और एएसपी रितेश कुमार सिंह ने ग्रामीणों से वार्ता करके पानी की टंकी के लिए अन्य जमीन चिन्हित करने का निर्देश दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए. एडीएम देवी दयाल वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों से वार्ता की गई है और पानी की टंकी के लिए कोई और और सरकारी जमीन की तलाश की जा रही है.