राजस्थान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी संकट गहराया, छात्रों में आक्रोश

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से जुडे़ प्रदेश के 52 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज विद्यार्थियों की घटती संख्या के साथ इस सत्र में फैकल्टी संकट से भी जूझ रहे हैं, जिससे बीटेक में अध्ययनरत छात्रों को भविष्य की चिंता सताने लगी है।

एआईसीटीई द्वारा लागू टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (टेक्यूप-3) के तहत प्रदेश के निजी एवं सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में नियुक्त गेस्ट फैकल्टी का कार्यकाल सितंबर, 2021 में समाप्त हो गया है। उसके बाद केंद्र सरकार द्वारा गेस्ट फैकल्टी का कार्यकाल आगे नहीं बढाने से सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी से विद्यार्थियों को पढाई का नुकसान उठाना पड़ रहा है। गौरतलब है कि चार वर्ष के बीटेक कोर्स में प्रत्येक 6 माह में सेमेस्टर परीक्षायें होती हैं, उनको ब्रांचों में अध्यापन के लिये फैकल्टी नहीं होने से क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल रही है। जिससे विद्यार्थी निर्धारित चार वर्ष में बीटेक डिग्री पूरी नहीं कर पा रहे हैं। वे बेक पेपर देकर जॉब में पिछडते जा रहे हैं।

आरटीयू से जुडे़ इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं संगठक कॉलेज यूसीई कोटा में बीटेक पांचवे सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने फैकल्टी की समस्या को लेकर प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग कि राज्य सरकार इजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी संकट को जल्द दूर करने के निर्देश प्रदान करे। जिससे इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के भविष्य अंधकार में होने से बचाया जा सके।

बीटेक विद्यार्थियों ने कहा कि प्रदेश में उच्च तकनीकी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिये शिक्षकों की कमी को तत्काल प्रभाव से दूर किया जाये। अन्यथा पहले से विद्यार्थियों की संख्या नगण्य होने से जूझ रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों में फैकल्टी नहीं मिलने पर उन्हें जीरो सेशन अथवा बंद करने की नौबत आ सकती है। सरकार की उपेक्षा से आने वाले वर्षों में राजस्थान से बीटेक करने वालों की संख्या में तेजी से गिरावट आ सकती है।

फैकल्टी नहीं, फिर भी फीस बढ़ा दी

आरटीयू को 8 कोर्सेस के लिये एनबीए से मान्यता मिल गई है, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता बढने की संभावना बढ गई है। एनबीए की मान्यता के बाद आरटीयू प्रशासन ने बीटेक विद्यार्थियों की फीस में भी वृद्धि कर दी है। दूसरी ओर, विद्यार्थियों ने शिकायत की कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पर्याप्त फैकल्टी तक नहीं है, ऐसे में फीस में वृद्धि करना न्यायोचित नहीं है।

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इस संबध में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय,कोटा के कुलपति प्रो.आर.ए. गुप्ता का कहना है कि केंद्र सरकार की टेक्यूप-3 स्कीम के तहत इंजीनियरिंग कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी का कार्यकाल नहीं बढाया गया है। अब आरटीयू के सभी कॉलेजों में संविदा फैकल्टी नियुक्त करने की योजना है। फिलहाल, यह प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से देरी हो रही है। शीघ्र ही फैकल्टी की कमी को दूर कर दिया जायेगा।