देश में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर बढ़ता जा रहा है। कोरोना की इस नई लहर का आलम यह है कि रोजाना कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या का ग्राफ बहुत तेजी से आसमान छूने लगा है। इसके बावजूद राजधानी लखनऊ में स्थित केंद्र सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय औषधि एवं संगंध पौधा संस्थान ( सीमैप) संस्था से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जो कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा जारी किये गए दिशा-निर्देशों का माखौल उड़ाता नजर आया है।
सीमैप में उड़ाई गई कोरोना नियमों की धज्जियां
मिली जानकारी के अनुसार, सीमैप के विभाग केमिकल इंजीनियरिंग, फाइटोकेमिस्ट्री डिवीजन में बीते दिनों आवश्यक तेल प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी (ईओपीटी 2021) पर कौशल उन्नयन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में छह अलग अलग राज्यों के 16 प्रशिक्षुओं ने हिस्सा लिया। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन 22 से 26 मार्च तक चला। बताया जा रहा है कि इन पांच दिनों में कोरोना नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई, जिसका खामियाजा सीमैप में काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को उठाना पड़ा।
बताया जा रहा है कि न तो इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने वाले प्रशिक्षुओं की कोरोना जांच हुई और न ही इस प्रशिक्षण देने वाले ट्रेनर की। यहां तक कि इस प्रशिक्षण शिविर की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें भी प्रशिक्षु मास्क तो लगाए हैं लेकिन नाम मात्र का। इसके अलावा इन प्रशिक्षुओं को ट्रेनिंग देने वाला ट्रेनर भी बिना मास्क के नजर आया।
सीमैप में हुई इस बड़ी लापरवाही का नतीजा यह रहा कि इस ट्रेनिंग के बाद कार्यालय के कई अधिकारी कोरोना संक्रमित पाए गए। यहां तक कि इस लापरवाही की वजह से इस संस्था के निदेशक वेल्टीनेटर तक पहुंच गए। कोरोना संक्रमित होने की वजह से लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती होना पड़ा।
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वैसे तो सीमैप में आयोजित किये गए इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य गुणवत्ता विश्लेषण तकनीकों और विपणन पहलुओं पर विशेष ध्यान देने के साथ आवश्यक तेलों के प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और उत्पाद विकास में उद्यमशीलता विकसित करना था। लेकिन इस प्रशिक्षण में हुई लापरवाही ने एक बड़ी मुसीबत को आमंत्रित कर दिया।