एयर इंडिया को खरीदार मिल गया है। टाटा संस ने एयर इंडिया की बोली जीत ली है। इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार एयर इंडिया की बिक्री के लिए लगाई गई दोनों बोलियों में से सरकार ने टाटा ग्रुप को चुना है। टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने एयर इंडिया को खरीदने के लिए आखिरी बोली लगाई थी।
साल 2007 में इंडियन एयरलाइंस में विलय के बाद से एअर इंडिया कभी नेट प्रॉफिट में नहीं रही है। एअर इंडिया में मार्च 2021 में खत्म तिमाही में लगभग 10,000 करोड़ रुपए का घाटा होने की आशंका जताई गई। कंपनी पर 31 मार्च 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपए का कर्ज था। लेकिन अब टाटा संस को इसमें से 23,286.5 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ उठाना होगा। मौजूदा समय में एअर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है।
जानकारी के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन, डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टेमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट और डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के अधिकारियों ने टाटा ग्रुप के प्रतिनिधियों और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिहं से मुलाकात की। सरकार का मकसद दिसंबर 2021 तक Air India डील को पूरा करना है। सरकर अपना विनिवेश का टारगेट पूरा करने के लिए यह डील जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। इसके साथ ही सरकार LIC में भी अपना हिस्सा इसी फिस्कल ईयर में बेच सकती है।