पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने ‘भारत का डबल गेम, तालिबान से बातचीत और अशरफ गनी को असलहा’ जैसी मिलती जुलती हेडलाइन से प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि भारत ने अफगानिस्तान में गृहयुद्ध को बढ़ावा देने के लिए जहाजों के जरिए वहां पर असलहा और गोला बारूद भिजवाया है।
अखबारों ने लिखा है कि कंधार स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है। 26 राज्यों में तालिबान और अफगान फौजों के बीच घमासान युद्ध चल रहा है। तालिबान ने दो हेलीकॉप्टर भी मार गिराए हैं। अखबारों ने लिखा है कि भारतीय हवाई जहाजों के जरिए दूतावास कर्मियों और खुफिया एजेंसियों के लोगों को वापस लाया जा रहा है। अखबारों ने गृह मंत्री शेख रशीद का भी एक बयान छापा है जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत के पास अफगानिस्तान से भागने के सिवाय कोई चारा नहीं है। अखबारों का कहना है कि शेख रशीद ने कहा है कि भारत के जरिए अफगानिस्तान में की जा रही गड़बड़ी दुनिया के सामने आ गई है।
कश्मीर पर महबूबा के बयान और मोदी मंत्रिमंडल में दागदार मंत्रियों पर समाचारों को भी मिली प्रमुखता
अखबारों ने जम्मू-कश्मीर से एक खबर दी है, जिसमें बताया है कि सेना की एक गाड़ी ने एक कश्मीरी महिला पर गाड़ी चढ़ा कर उसे कुचल कर मार दिया है। अखबारों ने लिखा है कि कश्मीर में यौम-ए-शहादत के अवसर पर हड़ताल की गई है। हड़ताल को कामयाब बनाने के लिए जगह-जगह पोस्टर लगाए गए हैं। अखबारों ने लिखा है कि भारतीय खुफिया एजेंसी ने एक मदरसा सिराजुल-उलूम पर छापा मारा है। यहां से मौलाना अदनान नदवी समेत कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
अखबारों ने गवर्नर पंजाब चौधरी मोहम्मद सरवर का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान अमन के लिए काम कर रहा है और भारत दहशतगर्दों के साथ मिला हुआ है। उनका कहना है कि भारत राजनयिक स्तर पर तन्हा हो गया है। अफगानिस्तान में शांति के लिए पाकिस्तान ने पूरी ईमानदारी से काम किया है। किसी ग्रुप की हिमायत नहीं की है जबकि भारत ने तालिबान से बातचीत का ढोंग रचकर राष्ट्रपति अशरफ गनी को सैनिक सहायता भेजने का काम किया है। यह सभी खबरें रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा दुनिया, रोजनामा खबरें, नवाएवक्त, औसाफ, रोजनामा एक्सप्रेस और रोजनामा जंग ने अपने प्रथम पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं।
रोजनामा जंग ने लखनऊ से अलकायदा के दो आतंकियों की गिरफ्तारी की खबर को दिया महत्व
रोजनामा जंग ने लखनऊ से दो अलकायदा आतंकवादियों के गिरफ्तार होने की खबर दी है। अखबार ने लिखा है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि उसने अलकायदा से सम्बंध रखने वाले 2 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। एजेंसियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आतंकवादी भारत के स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर आतंकवादी हमला अंजाम देने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस के अनुसार इन दोनों आतंकवादियों को लखनऊ से पकड़ा गया है और इनका ताल्लुक अंसारुल गजवा-ए-हिंद से बताया जा है जोकि अलकायदा का कश्मीरी ग्रुप है। अखबारों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से लिखा है कि यह आतंकवादी भीड़भाड़ वाली मार्केट को निशाना बनाने का की साजिश रच रहे थे। अखबार ने लिखा है कि गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादियों से बम बनाने का सामान और प्रेशर कुकर बरामद किए किए जाने का दावा किया जा रहा है।
रोजनामा खबरें ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का एक बयान छापा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए वाहिद रास्ता बातचीत है। उनका कहना है कि बातचीत से ही कश्मीर समस्या का समाधान किया जा सकता है और इसके लिए भारत पाकिस्तान को बातचीत करके इस समस्या के समाधान का हल निकालना चाहिए। उनका कहना है कि इस समस्या को भारत-पाकिस्तान हमेशा से तूल दे रहे हैं मगर समस्या के समाधान के लिए दोनों देश गंभीर दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।
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रोजनामा दुनिया ने एक खबर छापी है, जिसमें बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में 42 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में फौजदारी मुकदमे कायम हैं। अखबार ने बताया है कि मंत्रिमंडल में शामिल 78 मंत्रियों में से 33 यानी 42 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ फौजदारी मुकदमा विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। अखबार ने लिखा है कि साउथ एशियन वायर के मुताबिक 24 मंत्रियों के खिलाफ बहुत ही संगीन फौजदारी मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें कई के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और डकैती के संगीन मुकदमे शामिल हैं। अखबार ने लिखा है कि गृह मंत्री अमित शाह और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह समेत पांच मंत्रियों पर धार्मिक उन्माद फैलाने, नस्लभेद टिप्पणी करने, भाषा वगैरह की बुनियाद पर विभिन्न समूहों के खिलाफ दुश्मनी को बढ़ाने से सम्बंधित मुकदमा कायम हैं।