जम्मू-कश्मीर की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने धारा 370 को लेकर एक बार फिर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि धारा 370, 35 (ए) और डोमिसाइल कानून विदेश द्वारा नहीं दिए गए थे। इससे पहले कि राष्ट्र हमें ये देता, महाराजा इसे जम्मू-कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा के लिए लाए थे। जब लोगों ने भारत का हिस्सा बनने का फैसला किया, तो उन्होंने कहा कि हमारे पास ये कानून हैं जिन्हें बरकरार रखना है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू में इतनी महंगाई है कि यहां के लोग पानी के लिए तड़प रहे हैं, बिजली नहीं, बेरोजगारी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जम्मू में माइनिंग बंद है। वे कहते थे कि जम्मू में दूध की नदियां बहेंगी। जबकि यहां इतनी दिक्कते हैं। परिसीमन पूरे देश में 2026 में हो रहा है तो यहां क्या जल्दी है। पीएम मोदी 20 मिनट पार्टी से मिले तो क्या 20 मिनट में फैसला हो सकता है?
‘धारा 370 हटने के बाद मुश्किलों में लोग’
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया और चुनावी मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेताओं संग बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती लगातार बयानबाजी करती नजर आ रही हैं। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं।
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हाल में पीएम मोदी ने की थी बैठक
प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ बातचीत का हाथ बढ़ाया था। इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए उन्होंने हाल ही में वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की थी। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।