राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने तीनों काले कृषि कानूनों के खिलाफ सदन में एक बार फिर बुधवार को मजबूती से आवाज बुलंद की, जिस पर उन्हें मार्शल द्वारा जबरन सदन से बाहर कर दिया गया और सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। उनके साथ आम आदमी पार्टी के दो अन्य सांसदों को भी निलंबित कर दिया गया। इस पर सांसद संजय सिंह ने कहा कि मार्शल लगाकर सरकार उन्हें सदन से बाहर कर सकती है और निलंबित करके सदन में घुसने से रोक सकती है, मगर किसानों की आवाज उठाने से नहीं।
सांसद ने लगाए गंभीर आरोप
सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार येनकेन प्रकारेण किसान आंदोलन को दबाना चाहती है। मोदी जी के चार पूंजीपति मित्रों का खजाना भरने के लिए सरकार ये कृषि कानून लेकर आई है। करीब ढाई माह से किसान इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार इसे वापस न लेने की जिद पकड़े बैठी है।
आप सांसद ने मांग की कि केंद्र सरकार तीनों काले कृषि कानून को तत्काल वापस ले. ये तीनों काले कानून किसानों के लिए डेथ वारंट है। मोदी सरकार अपने चार पूंजीपति मित्रों की खातिर देश के अन्नदाताओं के साथ दुर्व्यहार कर रही है. पुलिस से किसानों की हड्डियां तुडवा रही है, आंसू गैस के गोले छुड़वा रही है।
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उन्होंने आगे कहा कि 150 से ज्यादा किसानों की शहादत हो गई है। अन्य नेताओं के साथ देश के अंदर आतंकवादियों जैसा सुलूक किया जा रहा है। मोदी सरकार की हठधर्मिता के कारण देशभर के किसानों में आक्रोश है। आम आदमी पार्टी काले कानून वापसी तक उनके आंदोलन में पूरी तरह साथ खड़ी है। इस निलंबन से आम आदमी पार्टी के सांसद डरने वाले नहीं हैं। हम सदन से लेकर सड़क तक किसानों की आवाज बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध थे और रहेंगे।