गांव में पहुंचेगा पानी,गूंजेगी शहनाई, बजेंगे बैंड

शहनाई भी गूंजेगी और बैंड बाजा भी बजेगा..। चित्रकूट के उन गांवों के युवाओं के सिर भी सेहरा सजने जा रहा है जिनको कुछ महीने पहले तक लड़की वालों ने नज़रअंदाज़ कर रखा था। वर्षों से पीने के पानी का संकट झेल रहे चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के हज़ारों गांवों के लिए योगी सरकार ने जल जीवन मिशन की वाटरलाइन को लाइफ़लाइन बना दिया है। ख़ास तौर से उन गांवों के लिए जो पानी के संकट के कारण न सिर्फ़ आर्थिक बल्कि सामाजिक तानेबाने से भी अलग थलग हो गये थे। पीने का पानी न होने के कारण लोग इन गांव के युवकों के साथ अपनी लड़कियों की शादी करने से कतराते थे। लेकिन जलजीवन मिशन पर तेज़ी से काम कर रही सरकार हर घर नल योजना के जरिए दिसंबर से इन गांवों की तस्वीर बदलने जा रही है। बुधवार को प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग अनुराग श्रीवास्तव और एमडी बलकार सिंह ने गांवों में योजना की समीक्षा कर बहुत जल्द हर घर तक नल से जल पहुंचने के संकेत दे दिए हैं..।

जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना के तहत घरों में सिर्फ शुद्ध पेयजल ही नहीं बल्कि गांवों में रौनक, उत्सव, उल्लास और खुशियां लौटेंगी। चित्रकूट में सिलौटा और चांदी बांगर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और रैपुरा ग्राम समूह पेयजल परियोजना से 135305 परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा रहे हैं। चित्रकूट जिले की मानिकपुर तहसील के जमुनिहाई गांव के राजवीर कहते हैं कि गांव में पीने का पानी पहुंचने के बाद से काफी सुविधा हो गई है। पानी पहुंचने से ग्रामीणों में उत्साह है। गोपीपुर की रहने वाली राधा कहती हैं कि गांव में पीने का पानी नहीं होने की वजह से कई लोगों की शादियां नहीं हो पा रही थीं। अब पानी पहुंचने से रिश्तों आने की उम्मीद भी जगने लगी है।

चित्रकूट में परियोजनाओं को पूरा करने के लक्ष्य में जुटे अधिकारियों ने अभी तक 16335 परिवारों तक नल से जल की सप्लाई शुरू करा दी है। शेष बचे परिवारों तक जल सप्लाई देने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। यहां रामनगर, मानिकपुर ब्लाक में आने वाले गांवों को शुद्ध पेयजल की सप्लाई मिलने जा रही है। चित्रकूट के ही नहीं बुंदेलखंड के 7 और विंध्य के 2 जिलों में 149805 नल कनेक्शन दे दिये गये हैं। विभाग की योजना से दिसम्बर 2022 तक 80 प्रतिशत से अधिक घरों तक नल से कनेक्शन देने की है। ऐसे में इस स्वर्णिम योजना से लाखों लोगों के माथे से दुख की लकीर हटाकर चेहरे पर मुस्कान लाने की शुरुआत हो चुकी है।

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वाटरलाइन पहुंचने के साथ आने लगे रिश्ते

बुंदेलखंड… का जिक्र होते ही पथरीले क्षेत्र, सूखे की मार, पानी की किल्लत, सिर पर मटकी लेकर महिलाओं का कुंए से पानी भरने का के दर्श्य दिमाग में घूमने लगता था। चित्रकूट जिले की तहसील मानिकपुर में आने वाले जमुनिहाई, गोपीपुर जैसे दर्जनों गांवों में पेयजल संकट की त्रासदी से युवाओं के सामने शादी करना एक बड़ी चुनौती हो गई थी। ललितपुर की बिरधा तहसील में आने वाले गांवों, झांसी की मोठ तहसील के परीक्षा, धीमारपुरा, हमीरपुर के मौदुहा तहसील के कपसा गांव में लड़की वाले शादी करने से कतराते थे। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की योजनाओं से बुंदेलखंड में सकारात्मक बदलाव की बयार बह रही है। जहां पहले लोग बेटी का रिश्ता करने में कतराते थे वो अब सम्मान पूर्वक बुंदेलखंड के घरों में अपनी बेटी का हाथ सौप रहे हैं। जल्द ही जल जीवन मिशन इन सभी गांव में पीने के पानी की सुविधा देने जा रही है। कई गांव में तो नल के कनेक्शन भी हो गये हैं। कुछ में पीने का शुद्ध पानी भी पहुंच गया है। दिसम्बर तक सरकार की इस योजना से पीने के पानी की समस्या झेलने वाले गांव को शुद्ध पेयजल की सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।