आज का दौर युद्ध का नहीं है… बाली में रूस पर 20 महाबली देशों को साथ लाए पीएम मोदी, भारत की जय-जय

इंडोनेशिया के बाली द्वीप पर आयोजित जी-20 देशों की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन को दी गई सलाह दुनिया के 20 देशों को एक साथ लाने का आधार बनी। जी-20 देशों की ओर से बुधवार को जारी साझा बयान में पीएम मोदी के उस समय बयान को प्रमुखता से शामिल किया गया है जिसमें उन्‍होंने कहा था कि आज का दौर युद्ध का नहीं है। यही नहीं पीएम मोदी के परमाणु बम के इस्‍तेमाल पर दी चेतावनी को भी इस बयान में शामिल किया गया है। जी-20 देशों ने कूटनीति और संवाद पर जोर दिया है जिस पर मंगलवार को पीएम मोदी ने अपने भाषण में जोर दिया था।

जी-20 देश रूस के यूक्रेन पर हमले के बयान को लेकर फंसे हुए थे और पश्चिमी देशों और रूसी खेमे के बीच सहमति नहीं बन पा रही थी। इस तनावपूर्ण स्थिति को सुलझाने के लिए पीएम मोदी के समरकंद में दिए बहुचर्चित बयान को आधार बनाया गया। जी-20 के बयान में कहा गया है कि परमाणु हथियारों का इस्‍तेमाल या उसकी धमकी देने को स्‍वीकार नहीं किया जा सकता है, यह भी पीएम मोदी के आह्वान पर आधारित है। विश्‍लेषकों का मानना है कि भारतीय प्रधानमंत्री के बयान को इतना तवज्‍जो मिलना महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर भारत की तस्‍वीर को पेश करता है।

भारत ने पूरे बयान में कई महत्‍वपूर्ण मुद्दे शामिल कराए

इस तरह से पूरा जी-20 का बयान भारत के दृष्टिकोण को ही दिखाता है जो अब जी-20 की कमान को संभालने जा रहा है। यह साझा बयान इसलिए जारी हो पाया कि भारत और कई अन्‍य विकासशील देशों ने इसके लिए जमकर मेहनत की। भारत की वजह से इस पर सहमति बन पाई। यही नहीं भारत ने पूरे बयान में कई अन्य महत्‍वपूर्ण उल्‍लेख शामिल कराने में अहम भूमिका निभाई। इसमें सतत विकास और जीवन शैली, जलवायु परिवर्तन के लिए नए लक्ष्‍य, एक स्‍वास्‍थ्‍य, पोषण देने वाले खाद्यान, किसान, क्षेत्रीय ऊर्जा कनेक्‍टविटी, ग्‍लोबल डिजिटल हेल्‍थ नेटवर्क, महामारी फंड, ओपेन डिजिटल इकोनॉमी आदि शामिल हैं।

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इससे पहले पीएम मोदी ने अपने भाषण में भी कहा था कि यूक्रेन में शांति के रास्‍ते पर जाने का ही विकल्‍प है। बुधवार को दिए अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है। जी-20 को शांति के लिए मजबूत संदेश देना होगा। वह भी तब जब दुनिया आर्थिक संकट से जूझ रही है। इसके साथ ही भारत को अब जी-20 देशों की अध्‍यक्षता मिल गई है। भारत अब अगले एक साल तक जी-20 देशों की कमान संभालेगा और 200 से ज्‍यादा कार्यक्रम आयोजित करेगा।