अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने 17 जुलाई यानी की सोमवार को बताया कि अमेरिका सरकार भारत की प्राचीन और ऐतिहासिक मूर्तियों और कला संग्रह को वापस लौटाने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि ये कला संग्रह भारत की अमूल्य संपदा है और इसे भारत में ही स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
भारत की कला संग्रह को पुनर्स्थापित का प्रयास
जानकारी के मुताबिक, ये मूर्तियां 2वीं से 3वीं सदी से लेकर 18वीं और 19वीं सदी के बीच की हैं। अमेरिकी राजदूत ने इस बात को दर्शाया कि हम भारत की कला संग्रह को उसके मूल स्थान पर पुनर्स्थापित करने के प्रयास में लगे हुए हैं। यहां तक कि कई बार भारत से कलाकृतियां अवैध रूप से चोरी हो जाती हैं और उन्हें अमेरिका या अन्य देशों में ले जाया जाता है।
ऐतिहासिक कलाकृतियों की अवैध व्यापार पर लगाई जा सकती है रोक
आगामी दिनों में भारत और अमेरिका के बीच एक सांस्कृतिक समझौते पर चर्चाएं होने की आशंका है, जिससे ऐतिहासिक कलाकृतियों की अवैध व्यापार पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही, दोनों देश इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं और इसे नियंत्रित करने के उद्देश्य से संबंधित प्रावधान बनाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में अवैध रूप से अमेरिका पहुंची भारतीय ऐतिहासिक कलाकृतियों को लौटाया जा सके।
लौटाए जाने वाले कलाकृतियों में भगवान बुद्ध प्रतिमा भी शामिल
जानकारी के मुताबिक, अमेरिका द्वारा भारत को वापस लौटाए जाने वाले कलाकृतियों में भगवान बुद्ध की सुंदर प्रतिमा भी शामिल है, जिसे एरिजोना में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके साथ ही, वैदिक काल के हिन्दू मंदिरों की कई कलाकृतियां भी लौटाई जाएंगी। न्यूयॉर्क के मशहूर मेट्रोपोलिटन म्यूजियम ऑफ आर्ट ने एक आयोजन की थी, जिसमें भारत के राजदूत एरिक गार्सेटी और अमेरिका के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी शामिल थे। इस आयोजन में बौद्ध इतिहास से जुड़ी कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं।
अमेरिकी राजदूत ने भारत के स्वर्णिम इतिहास की प्रशंसा की
आपको बता दे, अमेरिकी राजदूत ने भारत के स्वर्णिम इतिहास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि लोग भूल जाते हैं कि भगवान बुद्ध का जन्म भारत में हुआ था और यह पूरी दुनिया के लिए भारत का उपहार है। भारतीय बौद्ध धर्म ने एशिया और दक्षिण एशिया में प्रभाव डाला है। लोग अक्सर भारत के योगदान के बारे में अनजान होते हैं, और हमें भारत के योगदान के प्रति आभारी होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, साल 2016 में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान 16 ऐतिहासिक कलाकृतियां भारत को लौटाई गई थीं। साल 2021 में अमेरिकी सरकार ने 157 कलाकृतियां भारत को सौंपी थीं।
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