लखनऊ। उन्नाव में उत्तर प्रदेश का पहला स्लज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है जो ना सिर्फ स्वच्छ भारत मिशन बल्कि आत्मनिर्भर भारत की भी मिसाल कायम कर रहा है। क्योंकि इस प्लांट में पूरे शहर का सीवेज ट्रीटमेंट तो होता है लेकिन इसके लिये बिजली भी प्लांट के अंदर ही पैदा की जाती है। इस प्लांट की खास बात यह है कि इसके संचालन के लिए बिजली का नहीं बल्कि सोलर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाता है।
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भारी भरकम मशीन और पानी की टंकियां उन्नाव के हुसैननगर गांव में लगी दिखाई देती हैं। यहां इस प्लांट को बनाया जा रहा है। मलबे से खाद बनती है, गंदे पानी को स्वच्छ करने का प्रयास होता है। अमृत योजना के तहत इसको बनाया गया है। इस प्लांट ने उन्नाव शहर की तस्वीर बदल दी है। यूपी का पहला और देश का दूसरा एफएसटीपी (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) अपशिष्ट शोधन संयंत्र उन्नाव में बनकर तैयार हो चुका है।
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इस प्लांट के बनने के बाद अब उन्नाव को साफ और स्वच्छ रखने में बड़ी मदद मिलेगी। जल निगम ने 4.55 करोड़ की लागत वाले इस प्लांट का निर्माण अमृत कार्यक्रम के तहत किया है। इसके निर्माण की शुरुआत जनवरी 2019 में हुई थी।
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इस एफएसटीपी को जल्द ही उन्नाव नगर पालिका को हैंडओवर कर दिया जाएगा। उन्नाव के हुसैन नगर गांव में बने इस एफएसटीपी प्लांट का सफल ट्रायल हो चुका है.
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यह प्लांट घरों में बने सीवर टैंक के स्लज को ट्रीट कर सॉलिड और लिक्विड को अलग करता है। जिसके बाद बचे सॉलिड वेस्ट का इस्तेमाल खाद्य के रूप में किसान कर रहे हैं। जबकि बचे लिक्विड का इस्तेमाल खेतों की सिंचाई के लिए किया जा रहा है।
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