लखनऊ। स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्रए अलीगंज लखनऊ के ज्योतिषाचार्य.एस एस नागपाल के मुताबिक इस बार नवरात्रि में अष्टमी, नवमी और दशमी तिथि को लेकर कुछ संशय की स्थिति बन रही है। सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर दिन शुक्रवार को दोपहर 12:09 मिनट तक है, इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और 24 अक्टूबर दिन शनिवार की दोपहर 11:27 मिनट तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो रही है जो 25 अक्टूबर दिन रविवार को 11:14 मिनट तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो रही है, जो दूसरे दिन 26 अक्टूबर दिन सोमवार को दोपहर 11:33 मिनट तक रहेगी। अतः 25 अक्टूबर को ही विजयदशमी पर्व अपराजिता पूजन का उत्सव मनाया जाएगा इस बार नौ दिनों में ही दस दिनों के पर्व पूरा हो जाएगा।
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आश्विन शुक्ल नवमी इस बार अष्टमी तिथि के साथ 24 अक्तूबर को ही मनाई जाएगी, इस बार की अष्टमी युक्त नवमी विशेष शुभकारी भी है। भगवान शिव ने भी अपनी समस्त सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की कृपा से प्राप्त की थीं।
कन्या पूजन और हवन
अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां इन कन्याओं के माध्यम से ही अपना पूजन स्वीकार करती हैं। इन कन्याओं के साथ बटुक कुमार भैरव को भी भोजन कराना चाहिए। कन्याओं को हलवा, छोले,पूरी फल अवश्य दें। सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा भी कन्याओं को प्रसन्नतापूर्वक देनी चाहिए। 10 वर्ष से अधिक की कन्या नहीं होनी चाहिए। कन्याओं को घर से विदा करते हुए उनसे आशीर्वाद भी अवश्य लेना चाहिए। अष्टमी का कन्या पूजन और हवन 24 अक्टूबर को प्रातः 11:27 तक और नवमी का कन्या पूजन और हवन 25 अक्टूबर को प्रातः 11:14 तक कर सकते हैं