कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देशभर में कोहराम मचा रखा है, अब कयास लगाये जा रहे है कि इस खतरनाक वायरस की तीसरी लहर भी आ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र से कहा कि वह मेडिकल ऑक्सीजन का स्टोर कर कोरोनावायरस महामारी की तीसरी लहर की तैयारी शुरू कर दे। कोर्ट ने कहा वह तीसरी लहर में कभी भी प्रवेश कर सकते हैं और अगर हम अभी से तैयारी करते हैं, तो हम इसे संभालने में सक्षम हो सकते हैं। जो भी खरीदे गए स्टॉक हैं उन्हें अस्पतालों में भेजना होगा। यह राज्य को आवंटित करने के बारे में नहीं है, बल्कि यह देखने के लिए भी है कि यह अस्पतालों को वितरित किया जाना चाहिए।

जस्टिस न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में क्या समस्या है? अगर इसकी आवश्यकता नहीं है, तो इसे स्टोर किया जा सकता है। यह दिल्ली सरकार के लिए एक ऑक्सीजन स्टोर करने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ। केवी विजय राघवन के तीसरी लहर को लेकर बयान के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि उसने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दिल्ली में 730 मीट्रिक टन की आपूर्ति सुनिश्चित की है। उन्होंने विभिन्न राज्यों को ऑक्सीजन की खरीद और आपूर्ति पर एक विस्तृत योजना भी अदालत को सौंपी। इसपर कोर्ट ने दिया कि अगर केंद्र दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति करता है, तो उन्हें इसे किसी अन्य राज्य के हिस्से से लेना होगा।
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अवमानना नोटिस पर रोक
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करने के अपने निर्देश का पालन न करने पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जारी केंद्र के खिलाफ अवमानना नोटिस पर रोक लगा दी थी। हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वह कोविड -19 प्रबंधन से संबंधित मुद्दों की निगरानी से हाई कोर्ट को रोक नहीं रहा था।
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