बीते मई माह में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हुई सियासी हिंसा का मामले को सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं। ऐसी ही एक याचिका में मांग की गई है कि इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया जाए। साथ ही बंगाल हिंसा का शिकार हुए पीड़ितों को आर्थिक मदद औए सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार और बंगाल की ममता सरकार को नोटिस थमाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और ममता सरकार से मांगा जवाब
दरअसल, पश्चिम बंगाल में विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई शहरों, कस्बों और गांवों में हुई हिंसा, आगजनी और मनमानी की घटनाओं के पीछे जिम्मेदार लोगों और कारणों की जांच एसआईटी से कराने की मांग की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, पश्चिम बंगाल सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
आपको बता दें कि दरअसल, याचिका में कहा गया कि विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का समर्थन करने के चलते एक धर्म विशेष के लोग वहां रहने वाले हिंदू समुदाय पर हमला कर रहे हैं। याचिका में कोर्ट से केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई कि वो पीड़ित परिवारों को मुआवजा और पलायन कर चुके लोगों के पुर्नवास की व्यवस्था करें।
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चुनाव बाद हिंसा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में ऐसे समय में सुनवाई हुई है, जब बीते दिन इसी मसले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की टीम ने कोलकाता हाईकोर्ट की 5 न्यायाधीशों की पीठ को रिपोर्ट सौंपी। एनएचआरसी इस मामले में अपनी विस्तृत रिपोर्ट कुछ दिनों के बाद दाखिल करेगी। मामले में शुक्रवार को अगली सुनवाई होनी है।