लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने प्रदेश में कोविड-19 के दूसरी लहर की संभावना पर चिंता व्यक्त करते हुए आशंका जताई है कि दूसरी लहर के कारण प्रदेश में कोविड 19 केसों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि प्रदेश में अब लॉक डाउन की स्थिति नहीं है लेकिन फिर भी सामान्य जनमानस में कोविड-19 का डर सता रहा है। कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये पुख्ता उपाय नहीं हैं।
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कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये पुख्ता उपाय नहीं हैं।
भीड़ भाड़ वाले इलाकों में अभी भी सोशल डिस्टेंसिंग एवं मास्क लगाने के नियमों का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। जवाहर भवन ,नगर निगम, स्वास्थ्य भवन सहित लखनऊ के कई कार्यालयों में कोविड-19 के केसेस निरंतर पाए जा रहे हैं। राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण के चलते तीन लैब टेक्नीशियन की मृत्यु भी हो चुकी है। अभी 2 दिन पूर्व सिविल अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ लैब टेक्नीशियन ए के गुप्ता की साइलेंट करोना से मृत्यु की पुष्टि एस पी जी आई के चिकित्सकों ने किया है। कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये पुख्ता उपाय नहीं हैं।
अधिक चिंता का विषय है कि करोना लक्षणों के बावजूद भी मरीजों में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव नहीं आ रहा है ।साइलेंट कोरोना केसेस के कारण लोगों में दहशत का माहौल है । जे एन तिवारी ने जिला अधिकारियों द्वारा आवश्यकता अनुसार रात्रि कर्फ्यू लगाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अवगत कराया है कि रात्रि कर्फ्यू से कोई लाभ नहीं होने वाला है। कर्मचारियों में संक्रमण रोकने के लिए अभी भी आवश्यकता है कि 50% से अधिक लोगों को कार्यालय ना बुलाया जाए। सोशल डिस्टेंसिंग की व्यवस्था की जाए, मास्क अनिवार्य किया जाए, कार्यालयों के बाहर हेल्प डेस्क, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर एवं सैनिटाइजेशन की समुचित व्यवस्था हो । कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये पुख्ता उपाय नहीं हैं।
कर्मचारियों का जीवन अमूल्य है सरकार उनके बारे में गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कर्मचारियों को सुरक्षा देने एवं कोरोना पर नियंत्रण के लिए प्रभावी दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है । कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये पुख्ता उपाय नहीं हैं।