गाज़ीपुर । माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी को शनिवार को कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है। मुख्तार को उसकी मां की कब्र के साथ ही दफनाया गया है। कब्रिस्तान के बाहर लोंगो का हुजूम उमड़ा रहा । समर्थकों ने जिंदाबाद के नारे लगाए। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल भी मुस्तैद है ।
मुख्तार अंसारी का बेटा छोटा बेटा उमर अंसारी भी मौजूद रहा। उसने आखिरी बार पिता की मूछों को ताव दिया। वहीं मुख्तार अंसारी का बड़ा बेटा जेल में बंद बेटे अब्बास को पिता के जनाजे में शामिल नहीं होने दिया गया। बताया जा रहा है कि जेल में पूरी रात अब्बास बिलख बिलख रोता रहा । हाई सिक्योरिटी बैरक में अब्बास इधर से उधर टहलता रहा। वहीं मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी भी कब्रिस्तान में मौजूद रहे।
मुख्तार अंसारी की गुरुवार को बांदा जेल में तबीयत खराब होने के बाद मौत हो गई। इसके बाद शुक्रवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार को सौंप दिया गया। मुख्तार के भतीजे विधायक सुहैब अंसारी ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी है। अब्बास अंसारी ने अपने पिता मुख्तार के जनाजे में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने से पूरी रात परेशान रहा।
बताया जा रहा है कि आज सुबह ही अखबार पढ़कर उसने पूरी जानकारी ली। अब वह कासगंज कारागार में ही टीवी या वीडियो कॉल पर ही अपने पिता का चेहरा देखने के लिया मिन्नत करता रहा। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी के जनाजे में शामिल होने के लिए विधायक बेटे अब्बास अंसारी को पेरोल दिए जाने या फिर न्यायिक हिरासत में जनाजे में शामिल होने की इजाजत दिए जाने की अर्जी शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में नहीं दाखिल हो सकी थी।