सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने एक माह के अन्दर कड़ी मेहनत से तैयार की 1000 टन से ज्यादा की रेत की अद्भुत कलाकृति

अजमेर में सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने बालू से बनाया भव्य राम मंदिर

सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने एक माह के अन्दर कड़ी मेहनत से तैयार की 1000 टन से ज्यादा की रेत की अद्भुत कलाकृति

अजमेर । अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसे लेकर पूरे देश में आस्था का माहौल है। प्रभु राम के भक्त अलग-अलग अंदाज में इस ऐतिहासिक पल को संजो रहे हैं। वहीं राजस्थान में भी इसका पूरा असर दिखाई दे रहा है। अजमेर जिला के पुष्कर के एक सैंड आर्टिस्ट ने सबसे बड़े राम मंदिर की कलाकृति बनाई है, जिसे पिछले एक महीने से बनाया जा रहा था। पुष्कर स्थित रेत के थोरो में बालू मिट्टी का राम मंदिर तैयार किया गया है। इस कलाकृति की 20 जनवरी को वैदिक मंत्रोच्चर के साथ होगा पूजा भी होगी। सैंड आर्टिस्ट अजय रावत ने बताया कि पिछले एक महीने से सैंड पार्क में वह मंदिर की कलाकृति बना रहे थे।

हर दिन इस पर उन्होंने दो से चार घंटे काम किया और इसमें 1000 टन से ज्यादा रेत काम में लाई गई। अजय बताते हैं कि इसके पहले उन्होंने कई मंदिर और कलाकृतियां बनाई हैं। पिछले 12 सालों से वह इस काम में हैं और वह लगातार इस तरह का काम कर रहे हैं। राम मंदिर को लेकर बनाई गई अजय की इस कलाकृति की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की कलाकृति बनाने में उन्हें हर दिन काम करना पड़ा है।

वह अभी तक एक हजार से ज्यादा कलाकृतियां बना चुके हैं। रेत से कलाकृति बनाने का काम अजय रावत बहुत छोटी उम्र से ही करते चले आ रहे हैं। उनका कहना है कि वह राज्य के रेतीले धोरों की कला को विश्व पटल पर पहचान दिलाना चाहते हैं। वह कहते हैं कि इसके लिए मुझे बहुत संघर्ष करना पड़ रहा है, लेकिन मैं हार नहीं मानूंगा। मैं पिछले 12 सालों से यही कर रहा हूं।