चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार से उनके मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओर’ पर मुलाकात की। दोनों ने करीब साढ़े तीन घंटे तक चर्चा की। इस मुलाकात पर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई है। इस वजह से राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है।
पीके को लेकर अजित पवार ने दी जानकारी
पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के विधानसभा चुनावों में क्रमश: तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक की जीत के बाद शरद पवार के साथ पीके की यह पहली मुलाकात है। पीके ने विधानसभा चुनावों में इन दलों की चुनावी रणनीति बनाने में मदद की थी। विधानसभा चुनावों के बाद पीके ने कहा था कि अब वह चुनावी रणनीति बनाने का कार्य छोड़ रहे हैं। उन्होंने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के लिए भी काम किया था। बिहार में नीतीश कुमार के लिए भी उन्होंने काम किया था। पीके के कार्य से प्रसन्न होकर नीतीश कुमार ने उनको जदयू का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी बनाया था, लेकिन उनकी राजनीतिक बयानबाजी को देखते हुए बाद में जदयू ने उनसे किनारा कर लिया था।
पीके के निकटस्थ सूत्रों ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को जिन राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया था, उनके नेताओं से मिलने की पीके की योजना है। इसी वजह से वे आज शरद पवार से मिले हैं। पीके इस सिलसिले में देश के अन्य नेताओं से भी मिलेंगे।
पीके की मुलाकात पर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि शरद पवार की तबीयत खराब थी। उनका आपरेशन भी हुआ था। इस वजह से हर दलों के नेता शरद पवार से मिलने आ रहे हैं। प्रशांत किशोर ने भी उनका हालचाल जानने के लिए मुलाकात की। इसका कोई अन्य अर्थ निकालना ठीक नहीं है। हालांकि अजीत पवार ने इस मुलाकात को भले ही औपचारिक बताया हो लेकिन विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात का उद्देश्य 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी से जुड़ा है।
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वहीं, शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने कहा कि शरद पवार और प्रशांत किशोर की मुलाकात देश की दिशा तय करने के लिए महत्वपूर्ण है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को मिली सफलता के बाद सभी विपक्षी दलों को साथ लाना जरूरी है। अगर प्रशांत किशोर सभी विपक्षी दलों को साथ लाकर शरद पवार को उनका नेतृत्व करने की दिशा में काम कर रहे हैं तो यह स्वागतयोग्य है। इसका लाभ निकट भविष्य में देश को ही होगा।
उधर, भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि प्रशांत किशोर और शरद पवार की मुलाकात का महाराष्ट्र की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इससे पहले प्रशांत किशोर राहुल गांधी के लिए काम कर चुके हैं लेकिन राहुल गांधी को कोई फायदा नहीं हुआ है।