पिछली सरकारों में बैंक डूब जाते थे तो लोगों का जमा रुपया भी डूब जाता था। इस पर सरकारों ने कभी ध्यान नहीं दिया और लोग अपने रुपये के लिए ही परेशान रहते थे। इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऐसी नीति बनाई कि बैंक भले ही डूब जाये पर लोगों का रुपया नहीं डूबना चाहिये और उसी नीति के तहत अब लोगों को बैंक डूबने के बाद भी अपना रुपया मिल रहा है। आज ही कानपुर में उन 672 लोगों को 6 करोड़ 16 लाख से अधिक रुपये की चेक वितरित की गई, जिनके रुपये डूब गये थे। यह बातें रविवार को कानपुर में केन्द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कही।
चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय स्थित कैलाश सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज देश के सात राज्यों में 18 स्थानों पर जमाकर्ताओं को उनके डूबे पैसे देने का कार्यक्रम हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले बैंक का लिपिक गरीब ग्राहक से बात करना पसंद नहीं करता था, लेकिन आज बैंक के अधिकारी खुद इस तरह के कार्यक्रम में बढ़कर आगे आ रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से संभव हुआ है। उनके मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी का साफ कहना है कि लोकतंत्र में प्रजा ही राजा है और उसका ही सम्मान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानपुर में सहकारी बैंक डूबने की वजह से 672 लोगों के सपने चकनाचूर हो गए थे, आज सभी को उनकी राशि उनके खाते में पहुंचा दी गई है।
सिंहासन पर बैठने का जनता का है अधिकार
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री के लिए नरेंद्र मोदी का नाम आया तो लोगों ने कहा कि एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। यह बात विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ही नहीं कही थी बल्कि यह कहा गया था कि साधारण हिंदुस्तानी की औकात नहीं कि वो देश के सिंहासन पर बैठे। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा था कि सिंहासन पर बैठने का अधिकार जनता का है। उन्होंने कहा कि देश के एक प्रधानमंत्री ने खुद ही कहा था कि जब एक बार भेजते हैं तो 15 पैसे ही खाते में जाते हैं अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनधन खातों के जरिए सीधे लोगों के बैंक खाते में रुपए पहुंचाने की व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि कानपुर में 418000 जन धन खाता खोले। 4760 रेहड़ी पटरी वालों को लाभ दिया गया। 90 करोड़ से ज्यादा कानपुर में मुद्रा लोन दिया गया जो 12320 लोगों को मिला।
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127 करोड़ लोगों को लगी कोरोना वैक्सीन
स्मृति ईरानी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना से पूरी दुनिया प्रभावित हुई और विदेश में यह चर्चा हो रही थी कि एक अरब से अधिक की जनसंख्या वाला भारत अपने लोगों को भूख से कैसे बचाएगा, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी है तो सब कुछ मुमकिन है। प्रधानमंत्री ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन पहुंचाया और कोविड से लड़ने में दूरदर्शिता का परिचय दिया। उनके प्रयासों से अब तक भारत में 127 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। यही नहीं भारत सरकार ने दूसरे देशों की भी मदद की। प्रधानमंत्री ने खुद को प्रधान सेवक बताया हर गरीब, ठेले वाले का अकाउंट खुलवाया गया, उसके अकाउंट में सीधे पैसा आ रहा है। 24 करोड़ महिलाओं का जनधन खाता खोला गया है 19 लाख करोड़ रुपए सीधे गरीब के खाते में भेजे गये।