गुजरात के वडोदरा जिले में रामनवमी की शोभा यात्रा पर पथराव के कई वीडियो सामने आए हैं। शोभा यात्रा पर हमले के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। सामने आए वीडियो में दिख रहा है कि पथराव एक मस्जिद के पास से की जा रही है, जबकि कट्टरपंथी मुस्लिम महिलाएँ पुलिस का रास्ता रोककर खड़ी हैं।
सामने आए ताजा वीडियो में दिख रहा है कि शोभा यात्रा पर पथराव सिर्फ मस्जिद के आसपास की छतों से ही नहीं, बल्कि मस्जिद से भी की गई। वीडियो में दिख रहा है कि नमाजी टोपी पहना एक शख्स मस्जिद से शोभायात्रा में शामिल लोगों पर पत्थर फेंकता और फिर भाग जाता है।
इस वीडियो को इंडिया टीवी के पत्रकार निर्णय कपूर ने साझा किया है। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है, “वड़ोदरा का ये वीडियो इस बात की पुष्टि कर रहा है कि गुरुवार को कुम्भारवाड़ा से निकली यात्रा पर मस्जिद में मौजूद लोगों ने पथराव किया था। देखिये इस आदमी को- मस्जिद के गेट पर बने छपरे से पत्थर फेंक कर मस्जिद के अंदर कूदता दिख रहा है, जिसके बाद पुलिस मस्जिद में दाखिल होते दिख रही है।”
इसके साथ ही एक और वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में दिख रहा है कि शोभा यात्रा पर पथराव करने वाले अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस जब मुस्लिम इलाके में गई तो मुस्लिम महिलाओं ने उन्हें घेर लिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि मुस्लिम महिलाएँ ना सिर्फ पुलिस का रास्ता रोक रही हैं, बल्कि उनके साथ गाली-गलौच भी कर रही हैं।
कट्टरपंथी मुस्लिम महिलाएँ पुलिस के चीख-चिल्ला रही हैं, बल्कि ‘पत्थर मारो सालों को’ कहकर गाली भी दे रही हैं और आसपास के लोगों को पुलिस के खिलाफ भड़का भी रही हैं। इस वीडियो में इनकी गाली को सुना जा सकता है।
बता दें कि गुरुवार (30 मार्च 2023) को देश भर में हर्ष और उल्लास के साथ रामनवमी मनाया गया, लेकिन कुछ राजनीतिक वजह से और कुछ कट्टरपंथियों की महजहबी वजह से कई राज्यों में शोभा यात्रा पर हमले किए गए। बंगाल में सीएम ममता बनर्जी द्वारा जूलुस को मुस्लिम इलाके में ले जाने की धमकी के बाद वहाँ बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी। कट्टरपंथियों ने उनके बयान में उनका सहयोग माना।
वहीं, महाराष्ट्र और गुजरात के कई इलाकों में भी हिंसा की खबर है। गुजरात के वड़ोदरा जिले के फतेहपुरा गराना पुलिस चौकी क्षेत्र में हिंदुओं द्वारा रामनवमी की शोभा यात्रा निकाली गई थी। शोभा यात्रा जैसे ही एक मस्जिद के सामने से गुजरने लगी, उस पर पथराव कर दिया गया। कट्टरपंथियों ने इस हमले के लिए हिंदुओं पर आरोप लगाया था, लेकिन वीडियो सामने आने के बाद उनका यह झूठ भी पकड़ा गया है।
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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस आरोपितों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने में जुटी। है। हालाँकि, जैसा कि ऊपर के वीडियो में दिख रहा है, पुलिस प्रशासन को उनके काम को करने से भी रोका जा रहा है और कट्टरपंथी मुस्लिम महिलाएँ इस काम में बढ़-चढ़कर अपनी भूमिका निभा रही हैं।