रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने कश्मीर में सेवा कर रहे सेना के एक जवान और एक स्थानीय लड़के के बीच रोमांटिक रिश्ते पर आधारित फिल्म को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) देने से इनकार कर दिया है. साथ ही रक्षा राज्यक मंत्री अजय भट्ट (MoS Defence Ajay Bhatt) ने शुक्रवार को कहा कि यह भारतीय सेना (Indian Army) को खराब तरह से पेश करेगा और सुरक्षा मुद्दों को हवा देगा.

लोकसभा में भाजपा सांसद वरुण गांधी को एक लिखित जवाब में भट्ट ने कहा, “स्वीरकृति की प्रक्रिया मनमानी या भेदभावपूर्ण नहीं है और न ही यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है. हर मामले को उसकी वरियता को ध्या न में रखते हुए विभिन्नन कारकों जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत की रक्षा, देश / विभिन्न राज्यों में कानून और व्यवस्था की स्थिति, सशस्त्र बलों में अनुशासन बनाए रखने, सैन्य सेवा के रीति-रिवाजों और नागरिकों की सामान्य भावनाओं और सशस्त्र बलों की छवि के परिप्रेक्ष्यस में देखा जाता है.”
भट्ट ने आगे कहा कि स्वीनकृति की प्रक्रिया भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत अभिव्यिक्ति और भाषण की स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है. उन्हों ने कहा, “भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी उचित प्रतिबंधों के अधीन है, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता या नैतिकता के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक हो सकती है.”
मंत्रालय ने कहा कि सेना को 1 जनवरी, 2021 से 31 जनवरी, 2022 तक रक्षा संबंधी विषयों के लिए फिल्मों और वृत्तचित्रों/श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए एनओसी प्राप्त करने के लिए कुल 18 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, इनमें से 16 स्वीकृत, एक अस्वीकृत और 1 लंबित है. मंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों के दौरान भारतीय नौसेना को एनओसी के लिए एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है और यह लंबित है. “भारतीय वायु सेना द्वारा किसी भी प्रस्ताव को खारिज नहीं किया गया है. इनके अलावा रक्षा मंत्रालय की ओर से दो और एनओसी मांगी गई थी, जिन्हेंर दिया गया.
बीजेपी के खिलाफ हुए मोदी को राम का अवतार बताने वाले विधायक सुरेंद्र सिंह
उन्होंने आगे कहा कि रक्षा से संबंधित विषयों पर आधारित फिल्मों के लिए फिल्म निर्माताओं/निर्माताओं को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे तर्क यह सुनिश्चित करना है कि सशस्त्र बलों को इस तरह से चित्रित नहीं किया जाता है जिससे सशस्त्र बलों/सरकार/देश को बदनाम किया जाए. साथ ही तथ्यात्मक सटीकता के साथ यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि कोई क्लाससीफाइड मामला सार्वजनिक नहीं हो, जो देश की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है.
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine