अफगानिस्तान में तालिबान और उसके सहयोगी हक्कानी नेटवर्क की सरकार बनाने की घोषणा के बाद सबसे बड़ा सवाल दुनिया के देशों के सामने खड़ा हो गया है कि वैश्विक आतंकियों की सूची में प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, आतंरिक मंत्री समेत कई मंत्री शामिल हैं। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के देश अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार को कैसे मान्यता देंगे।

वैश्विक आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी पर 5 मिलियन डॉलर का इनाम
संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की वैश्विक सूची में प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद शामिल है। अखुंद वर्तमान में तालिबान के शक्तिशाली निर्णय लेने वाले निकाय, रहबारी शूरा प्रमुख है। मुल्ला हसन अखुंद ने रहबारी शूरा के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया है। आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई का मोस्ट वांटेड है जिसपर 5 मिलियन डॉलर (करीब 36 करोड़ रुपये) का इनाम है। सिराजुद्दीन हक्कानी पिता जलालुद्दीन हक्कानी की मौत के बाद से हक्कानी नेटवर्क की कमान संभाले हुए है। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
सरकार के मान्यता पर सवाल
दुनिया में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दो या दो से अधिक वैश्विक आतंकी किसी सरकार में सबसे ऊंचे ओहदे पर बैठे हुए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जिन-जिन देशों ने इन आतंकियों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं, वे आखिरकार तालिबान सरकार को मान्यता कैसे देंगे। अगर ये देश नियमों तो ताक पर रखकर मान्यता देते हैं तो इसे आतंकवाद के साथ समझौता माना जाएगा। दूसरी तरफ ऐसी मिसाल कायम होगी कि आतंकी होने के बावजूद सरकार का प्रमुख बनने पर सभी अपराध माफ हो जाते हैं।
तालिबान के लिए मुश्किल हालात
अफगानिस्तान में तालिबान के सरकार बनाने के बाद देश चलाने के लिए धन के साथ दूसरी मदद की जरूरत होगी। जो फिलहाल उसके पास नहीं है। दूसरी तरफ अगर दुनिया ने मान्यता नहीं दी तो राजनयिक संबंध स्थापित नहीं हो सकेंगे। ऐसे में तालिबान को यह साबित करना होगा कि उसने आतंकवाद से संबंध तोड़ लिया है और वह महिलाओं, धार्मिक अल्पसंख्यकों सहित सभी समूहों को बराबरी का दर्जा दे रहा है। ऐसा न होने की सूरत में उसे इन वैश्विक आतंकियों को हटाकर अच्छे और साफ सुथरे नामों को शामिल करना पड़ेगा।
वैश्विक आतंकियों की सूची वालों के लिए कड़े नियम
आतंकियों की वैश्विक सूची में शामिल होते ही संयुक्त राष्ट्र के नियमों के अनुसार सभी देश बिना देरी किए संबंधित व्यक्ति, समूह या संस्था का धन, वित्तीय संपत्ति और आर्थिक संसाधनों को जब्त कर लेते हैं। जिस भी देश में इन आतंकियों के नाम से कोई भी संपत्ति या बैंक अकाउंट होगा उसे तुरंत जब्त कर लिया जाएगा। प्रतिबंधित सूची में शामिल लोगों का विश्व के किसी भी देश में आने-जाने पर प्रतिबंध लग जाता है। इसके अलावा वह जिस देश में है उसमें भी स्वतंत्र रूप से यात्रा नहीं कर सकता है। कोई भी देश ऐसे आतंकियों को न तो वीजा जारी कर सकता है और न ही अपने देश में शरण दे सकता है।
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