उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए उनके अपने ही नेताओं की किताबें सिरदर्दी साबित हो रही हैं। सलमान खुर्शीद के बाद अब मनीष तिवारी की ओर से किताब लिखी गई है जिसमें उन्होंने मुंबई पर हुए आतंकी हमले को लेकर अपनी ही सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए। इस नई किताब पर भी भारतीय जनता पार्टी हमलावर हो गई है और उसने सोनिया गांधी से चुप्पी तोड़कर जवाब देने की मांग की है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी की तिवारी की किताब लगातार चर्चा में है। इस नई किताब में तिवारी ने मनमोहन सिंह की UPA सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ किसी तरह का एक्शन नहीं लेने को यूपीए सरकार की कमजोरी करार दिया। मनीष की नई किताब का नाम है 10 Flash Points, 20 Years।
बीजेपी ने कांग्रेस से मांगा जवाब
मनीष तिवारी की ओर से की गई टिप्पणी पर मोदी सरकार की ओर से भी हमला किया गया है। 26/11 की स्थिति से निपटने को लेकर मनीष तिवारी की यूपीए सरकार की आलोचना किए जाने पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 26/11 हो या अन्य कोई मामला, देश जानता है कि समग्र स्थिति को कैसे संभाला गया। मैं मामले का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता। मोदी सरकार की नीति आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की है।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मनीष तिवारी की नई किताब पर विवाद सामने आने के बाद कांग्रेस पर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने तत्कालीन यूपीए सरकार की नीयत को खराब करार दिया। भाटिया ने कहा कि तत्कालीन एयरचीफ मार्शल ने कहा था कि हमारी एयरफोर्स जवाब देने के लिए तैयार थी, लेकिन कार्रवाई की अनुमति नहीं दी गई। अब कांग्रेस को इस पर जवाब देना चाहिए।
क्या सोनिया-राहुल तोड़ेंगे चुप्पी?
उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि राष्ट्र सुरक्षा जैसे मुद्दे पर भारत की अखंडता की भी उन्हें चिंता नहीं थी। हर भारतीय ये बात कहता था, बीजेपी भी यही बात कह रही थी। आज कांग्रेस शासन में मंत्री रहे मनीष तिवारी जी ने स्वीकारा है कि उनकी सरकार ने राष्ट्र सुरक्षा को दांव पर लगा दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी क्या आज अपनी चुप्पी तोड़ेंगे? सोनिया गांधी जी हमारा प्रश्न है कि भारत की वीर सेना को उस समय अनुमति और खुली छूट क्यों नहीं दी गई?
मनीष तिवारी की किताब पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि सलमान खुर्शीद के बाद कांग्रेस के एक और नेता ने अपनी किताब बेचने के लिए यूपीए को बस के नीचे फेंक दिया। मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब में 26/11 के बाद संयम के नाम पर यूपीए सरकार की कमजोरी की आलोचना की है। उन्होंने आगे लिखा, एयर चीफ मार्शल फली मेजर पहले से ही कह रहे हैं कि भारतीय वायुसेना हमले के लिए तैयार था लेकिन यूपीए रुक गया।
मनीष तिवारी की किताब में क्या
अमित मालवीय ने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि कल ही मणिशंकर अय्यर ने रक्षा खर्च पर सवाल उठाया और आज मनीष तिवारी ने 26/11 पर यूपीए की कमजोर प्रतिक्रिया पर अफसोस जताया। गृह मंत्री चाहते थे कि नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की जाए लेकिन दिग्विजय सिंह ने विरोध किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर इस उलझी हुई सोच ने भारत को कांग्रेस के अधीन एक कमजोर राज्य बना दिया।
मनीष तिवारी ने अपनी नई किताब में लिखा है कि मुंबई हमले के बाद तात्कालीन यूपीए सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। ये ऐसा वक्त था, जब एक्शन लिया जाना बेहद जरूरी था। उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि एक देश (पाकिस्तान) निर्दोष लोगों का कत्लेआम करता है और उसे इसका कोई पछतावा नहीं होता। इसके बाद भी हम संयम बरतते रहे तो यह कोई ताकत नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने 26/11 हमले की तुलना अमेरिका के 9/11 हमले से की।
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खुर्शीद की किताब में विवादित टिप्पणी
मनीष तिवारी से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की नई किताब ‘सनराइज ओवर अयोध्या’ को लेकर विवाद जारी है। उनकी नई किताब को बाजार में आने से रोकने को लेकर मामला कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया। हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मुकदमा दायर कर सलमान खुर्शीद की किताब के प्रकाशन, बिक्री, प्रसार और वितरण को रोकने के लिए निषेधाज्ञा की मांग की गई है।
सलमान खुर्शीद ने अपनी नई किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकवादी संगठन आईएसआईएस (ISIS) और बोको हरम जैसे जिहादी इस्लाम से की है, जिसको लेकर हर ओर आलोचना की जा रही है।