लालू प्रसाद यादव के बेटे ने केंद्र सरकार से की मांग, इस उम्र में अब हमारे पिता को रिहा कर देना चाहिए, नीतीश कुमार को भी उम्रकैद हो

राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने केंद्र सरकार से मांग की है कि उसके पिता लालू यादव को इस उम्र में रिहा किया जाए और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को भी आजीवन कारावास की सजा हो. तेज प्रताप यादव ने आज बुधवार को कहा, केंद्र सरकार से हम मांग करते हैं कि इस उम्र में अब हमारे पिता को रिहा कर देना चाहिए, क्योंकि उनका स्वास्थ्य हर दिन गिर रहा है और जिन लोगों ने यह काम किया है, वे खुले में घूम रहे हैं. हमारे पिता ने तो वो मुद्दा उजागर किया था, उन्हें झूठे मुकदमे में फसाया है.

तेज प्रताप ने कहा, वो 21 साल की उम्र से जेल जा रहे हैं और जिन लोगों ने ये काम किया है, वो लोग आज सदन में बैठते हैं. नीतीश कुमार पर भी गंभीर हत्या का आरोप है, हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि उनको भी आजीवन कारावास की सजा हो.

बता दें कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव दिल्ली स्थित अखिल भारतीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज चल रहा है. 73 साल के साल लालू प्रसाद यादव को तड़के करीब तीन बजे दिल्ली स्थित अखिल भारतीय चिकित्सा आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से छुट्टी दिए जाने के बाद दोपहर में फिर अस्पताल लाया गया. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. लालू को किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मंगलवार की शाम लगभग छह बजे विशेष विमान से एम्स- दिल्‍ली लाया गया था, जहां उन्हें रात 9 बजे भर्ती किया गया था. रांची स्थित राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के मेडिकल बोर्ड की बैठक में मंगलवार को लालू प्रसाद यादव को दिल्ली भेजने पर फैसला किया गया था. एक सूत्र ने कहा, लालू प्रसाद को रातभर आपातकालीन विभाग में डॉक्‍टरों की निगरानी में रखा गया था. उन्हें तड़के करीब तीन बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. सूत्रों के कि लालू को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे एक बार फिर आपातकालीन विभाग में लाया गया.

पहले मुस्लिम भीड़ ने पीटा, फिर पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई के आरोप: 30 हिन्दू परिवारों का पलायन

बता दें कि चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में दोषी करार दिए गए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख 73 वर्षीय लालू प्रसाद यादव को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 21 फरवरी को पांच वर्ष की कैद और 60 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी.