क्या उद्धव ठाकरे कुछ छिपा रहे हैं ? बीजेपी के करीबी लोगों में क्यों हो रही है ऐसी चर्चा, जानें पूरी खबर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के कल कोरोना पॉजिटिव (Covid Positive) होने की खबर आई थी। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट मीटिंग में भी वर्चुअली हिस्सा लिया। हालांकि देर शाम उन्होंने शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की जबकि कोविड प्रोटोकॉल के तहत इस तरह की मुलकात संभव नहीं थी। इतना ही नहीं जब वे अपने आधिकारिक आवास वर्षा से अपने निजी आवास मातोश्री जा रहे थे उस वक्त भी वे पब्लिक के बीच थे। उनके आसपास काफी भीड़ थी। अब सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है कि कुछ ऐसी बात है जिसे उद्धव ठाकरे छिपा रहे हैं। वहीं बीजेपी के करीबी लोगों के बीच भी इस बात की चर्चा हो रही क्योंकि कोविड पॉजिटिव होने के बाद पब्लिक के बीच आने का कोई मतलब नहीं बनता है।

अमित मालवीय ने किया ट्वीट

हालांकि इस संबंध में बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्वीट कर यह सवाल उठाया है कि उद्धव कोरोना से पीड़ित थे तो फिर उन्हें अपनी जगह नहीं बदलनी चाहिए। वे शरद पवार से भी मिले और पब्लिक के बीच भी रहे। अमित मालवीय ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह सवाल उठाने के बाद नीचे लिखा-इस धोखे की वजह से शिवसेना के विधायकों ने बगावत कर दी।

कोरोना को लेकर कुछ छिपा तो नहीं रहे उद्धव

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी में भी इस बात की कानाफूसी तेज है कि उद्धव कोरोना को लेकर कुछ छिपा तो नहीं रहे?  क्योंकि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद घर शिफ्ट करना, पब्लिक के बीच आना और एनसीपी नेता शरद पवार से मिलना, ये ऐसी बातें हैं जिससे संदेह पैदा होना स्वभाविक है। क्योंकि ऐसी स्थिति में वे शरद पवार से फोन पर या वर्चुअली भी चर्चा कर सकते थे। घर शिफ्ट करने की कोई जल्दबाजी नहीं थी क्योंकि अभी वे मुख्यमंत्री पद पर बने हुए हैं। इसलिए इस बात की चर्चा तेज है कि कहीं उद्धव ठाकरे कुछ छिपा तो नहीं रहे ?

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उद्धव की कुर्सी हाथ से निकल चुकी है !

आपको बता दें कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बागवत ने उद्धव ठाकरे को हिलाकर रख दिया है। माना जा रहा है कि वे अब सीएम पर चंद दिनों के मेहमान हैं। उन्हें भी इस बात का आभास हो चुका था कि अब हालात उनके हाथ से बाहर निकल चुका है, इसलिए उन्होंने बुधवार देर रात अपना आधिकारिक बंगला खाली करने का फैसला लिया। हालांकि इससे पहले उन्होंने फेसबुक लाइव एक संदेश भी जारी किया। इस संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें सत्ता का कोई लोभ नहीं है। लेकिन उनके इस संदेश का कोई खास असर नहीं हुआ।