महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को मुंबई में सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन किया। यह ब्रिज पहले कार्नैक ब्रिज के नाम से जाना जाता था। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सिंदूर ब्रिज के उद्घाटन के बाद मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि आज बहुत खुशी की बात है कि मुंबई में सिंदूर ब्रिज का उद्घाटन हो रहा है। हम सभी जानते हैं कि पुराना कार्नैक ब्रिज बहुत जर्जर हालत में था। इसलिए उसे तोड़ दिया गया था और उसकी जगह एक नया ब्रिज बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि कार्नैक ब्रिज का नाम सिंदूर ब्रिज इसलिए किया गया क्योंकि ये ब्रिटिश गवर्नर के नाम पर पड़ा था। जिन्होंने हिंदुस्तानियों पर बहुत अत्याचार किया था। खासकर सतारा के प्रताप सिंह राजे और नागपुर के उद्धव राजे को अलग-अलग षड्यंत्र में फंसाने का प्रयास किया।
इतना ही नहीं कई लोगों को जान से मारने का काम उन्होंने किया इसलिए हमने अत्याचारी गवर्नर का नाम बदलकर सिंदूर का नाम देने का निर्णय लिया। हम सभी जानते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर भारतवासियों के मन में बसा हुआ है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पहली बार अपनी ताकत को दिखाया और पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को खत्म करने का काम किया।
देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने बार-बार यह कहा है कि स्वतंत्रता के अमृतकाल में गुलामियों की निशानी को मिटाकर हमें अपनी निशानियों को तरजीह देनी है। इसी सिलसिले को जारी रखते हुए ये निर्णय लिया गया है।
बता दें कि यह पुल दक्षिण मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों को जोड़ता है। इस ब्रिज का नाम बंबई प्रांत के पूर्व गवर्नर जेम्स रिवेट कार्नैक के नाम पर रखा गया था। जिन्होंने 1839 से 1841 तक इस पद पर कार्य किया था। अब इस पुल का नाम बदलकर (ऑपरेशन सिंदूर पर) सिंदूर ब्रिज कर दिया गया है।