यूपी में रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान चल रहा है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने दोनों जगहों पर प्रशासन और पुलिस को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। रामपुर में तो सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने यहां तक कह दिया कि ऐसे चुनाव से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि रामपुर में वोट देने के लिए दो आईडी दिखाने का नियम लागू कर दिया गया है। हालांकि प्रशासन ने उनके आरोपों की पुष्टि नहीं की।
उधर, समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अरविंद सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखी एक चिट्ठी में आरोप लगाया है कि आजमगढ़ के गोपालपुर, सगड़ी, मुबारकपुर, आजमगढ़ सदर और मेहनगर विधानसभा क्षेत्रों के सभी मतदान केंद्रों से एक साजिश के तहत भाजपा के इशारे पर गड़बड़ी की नीयत से उनकी पार्टी के सभी बूथ एजेंटों को निकाल दिया गया है। उन्होंने आशंका जताई कि इससे चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली हो सकती है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। रामपुर को लेकर समाजवादी पार्टी की ओर से कार्यकर्ताओं पर हो रही कार्रवाई के खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत की जा रही है। एक शिकायत में कहा गया है कि वोटिंग को प्रभावित करने के लिए स्वार विधानसभा क्षेत्र के टांडा और दरयाल क्षेत्रों में सपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की गई। सपा ने पुलिस पर आरोप लगाया है। कल कुछ सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ऐक्शन को लेकर आज आजम खान ने भी सरकार पर तंज कसा। सुबह एएनआई से बात करते हुए आजम ने कहा-‘हमसे बड़ा अपराधी कौन है? तो हमारे साथ जो चाहे करे। मुर्गी, बकरी, भैंस, पुस्तक और फर्नीचर के आरोपी है तो हमारे शहर को भी वैसा मना गया है, तो जो चाहे करे..हमें तो सहना है रहना है।’
उन्होंने कहा कि हम तो सारी रात जागे हैं और हमारे प्रत्याशी संसद के सभी थाने गए हैं। सबसे ज्यादा अभद्र व्यवहार थाने गंज के इंस्पेक्टर ने किया और लोगों के साथ मार-पीट भी की। अगर वोट प्रतिशत गिराई जाती है तो इसका इल्जाम पूरा प्रशासन पर आएगा।
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क्या बोले डीएम
सपा के आरोपों को खारिज करते हुए रामपुर के डीएम रवीन्द्र कुमार ने कहा कि प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की है। मतदाता अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए भयमुक्त होकर निकल रहे हैं।