दरभंगा ब्लास्ट मामले में सामने आया इकबाल काना का नाम, एनआईए ने किया बड़ा खुलासा

बिहार में हुए दरभंगा ब्लास्ट मामले की जांच कर रही एनआईए ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए की जांच में इस ब्लास्ट के तार पाकिस्तान तक पहुंच गए हैं। दरअसल, दरभंगा ब्लास्ट को पाकिस्तान में बैठे इकबाल काना के इशारे पर अंजाम दिया गया था। इस ब्लास्ट की पूरी साजिश फरवरी माह में शामली में रहने वाले सलीम के घर में रची गई थी। एनआईए की टीम ने इस मामले सलीम और कलीफ नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद इस बात का खुलासा किया है। एनआईए ने बताया कि शामली में रहने वाले सलीम ने ही हैदराबाद से गिरफ्तार नासिर और इमरान को रिक्रूट किया था।

दरभंगा ब्लास्ट मामले में एनआई ने गिरफ्तार किये दो आरोपी

दरभंगा ब्लास्ट मामले को लेकर खुलासा करते हुए एनआईए ने बताया कि फरवरी 2021 में शामली में सलीम के घर पर हैदराबाद से गिरफ्तार नासिर, इमरान और सलीम के साथ शामली में गिरफ्तार कफील की मीटिंग हुई थी। उसी मीटिंग में ट्रेन में बम धमाके का प्लान सलीम ने बताया था। सलीम ने ही अब तक गिरफ्तार किए जा चुके सभी आरोपियों का परिचय पाकिस्तान में बैठे इकबाल काना से करवाया था।

एनआईए ने बताया कि पाकिस्तान से इकबाल काना सलीम को पैसे भेजता था। जिसे सलीम गैर कानूनी काम में इस्तेमाल करने के लिए चैनलाइज करता था। इकबाल काना भारतीय एजेंसियों की नजर में वॉन्टेड है। कहने को पाकिस्तान में इकबाल की ग्रोसरी शॉप है। लेकिन असल में वो आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर के तौर पर काम करता है।

एजेंसियों को जानकारी मिली है कि सलीम जब पाकिस्तान जाता था, तब इकबाल ही उसे पाकिस्तान में ठहरने के लिए जगह देता था। फिलहाल, एनआईए इस मामले में गिरफ्तार किए जा चुके चारों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। एनआईए की प्रवक्ता जया राय ने बताया था कि 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पार्सल में ब्लास्ट हुआ था। एनआईए ने इस मामले में 24 जून को जांच शुरू की थी। इसी के बाद इस मामले में कुल मिलाकर चार लोग पकड़े जा चुके हैं।

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एनआईए के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला इकबाल काना बहुत पहले पाकिस्तान चला गया था। वहीं इकबाल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सम्पर्क में आया और फिर जाली नोटों का सबसे बड़ा किंगपिन बन गया। इकबाल काना भारत मे नेपाल और बांग्लादेश के जरिये जाली नोट भेजता है। कैराना और शामली के कई लोग आज भी इकबाल के संपर्क में हैं। पाकिस्तान से कपड़े और फलों की टोकरी में भरकर हथियारों की सप्लाई भी करवाई जाती थी।