भारत में कोरोना के मामलों में हल्की बढ़त सामने आने के बाद लोगों में तीसरी लहर का डर पैदा हो रहा है। इसके साथ ही विश्व में मामले बढ़ने के बाद वैज्ञानिकों की ओर से भी देश में कोरोना की अगली लहर अगस्त या सितंबर तक आने का अनुमान जताया गया है। साथ ही केंद्र सरकार ने भी आने वाले तीन महीने में लोगों से बेहद सर्तकता और सावधानी बरतने के लिए कहा है।

हालांकि तीसरी लहर के इस डर के बीच स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता कोरोना के अलावा एक अन्य बीमारी को लेकर भी है जिसका इलाज कोरोना के केस बढ़ने के कारण पिछली लहरों में भी बाधित हुआ है और आगे भी इसकी आशंका हो सकती है। यही वजह है कि कोरोना के लिए किए जा रहे इंतजामों के साथ ही विशेषज्ञ अन्य खतरनाक बीमारियों के इलाज के लिए भी बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं।
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ। एमसी मिश्र कहते हैं कि अगर कोरोना के मरीज बढ़े तो कैंसर के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। पिछले अनुभवों को देखें तो कोविड के चलते कई अस्पतालों में ओटी और ओपीडी बंद कर दिए गए थे। इस कारण कैंसर की सर्जरी करवाने के लिए भी लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ा था।
अब भी अगर कोई लहर आती है और मामले तेजी से बढ़ते हैं तो सुरक्षा कारणों से भी और कोविड महामारी में कोविड मरीजों के प्रबंधन के लिए ऑपरेशन थिएटर बंद करने पड़ सकते हैं। कोविड के दौरान मेडिकल स्टाफ भी कोविड इमरजैंसी में तैनात कर दिया जाता है। इसके अलावा बेड्स भी आपात सेवा में सबसे ज्यादा लगाए जाते हैं। जिसका परिणाम यह होता है कि कई गंभीर रोगों का तत्काल इलाज नहीं मिल पाता। इनमें से कैंसर प्रमुख है। ऐसे में जरूरी है कि कैंसर मरीजों के इलाज पर भी लगातार फोकस रखा जाए।
एनसीडीसी से रिटायर्ड जाने माने पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ। सतपाल कहते हैं कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान एक चीज देखी गई थी कि बड़े-बढ़े अस्पतालों के कोविड केयर सेंटर्स के रूप में बदले जाने के बाद वहां अन्य बीमारियों का इलाज कुछ समय के लिए बंद हो गया था। कोविड इमरजैंसी के दौरान दिल्ली में ही कई ऐसे अस्पतालों को कोविड अस्पताल बनाया गया था जहां पहले कैंसर या हृदय संबंधी रोगों का इलाज प्रमुखता से होता रहा है।
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डॉ. सतपाल कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में भी कैंसर के मरीजों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी थीं। अभी कोरोना के मामले बहुत कम हैं तो सभी बीमारियों के इलाज की सुविधाएं खुली हैं लेकिन कोरोना केस बढ़ने के साथ ही अन्य बीमारियों के इलाज में चुनौती पैदा हो जाती है। इसलिए सरकारों से यही अपील है कि कोरोना के दौरान अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए भी इंतजाम होने चाहिए।
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