लाइलाज बीमारी नहीं है मिर्गी, मरीज उपचार से हो सकता है ठीक, सावधानियां बर्तनी जरूरी

 देश में 17 सितंबर को राष्ट्रीय मिर्गी दिवस का आयोजन किया गया। सेठ रामवतार खंडेलवाल मेमोरियल चेरिटेबल ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी और न्यूरोलॉजिस्ट डॉ अमित खंडेलवाल ने बताया कि मिर्गी एक तरह का विकार है। इस बीमारी में व्यक्ति को दौरे आते है। मिर्गी हर उम्र के लोगों को हो सकता है और यह लाइलाज बीमारी नहीं है, न ही अछूत बीमारी है।

खंडेलवाल ने बताया कि अगर किसी मरीज को मिर्गी का दौरा आता है तो मरीज को जूता, प्याज ऐसी कोई चीज नहीं सुंघाए, नाहीं मुंह में कोई चीज डालें। उन्होंने कहा कि ऐसे में मरीज को पांच से दस मिनट तक कंट्रोल नहीं होने पर तुरन्त अस्पताल ले जाना चाहिए। झाड़-फूंक पर विश्वास नहीं करना चाहिए। डॉ प्रवीन गुप्ता ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का इस बीमारी में विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी तरह का रिस्क बच्चे व माँ को नही हो। साथ ही तुरन्त चिकित्सक को दिखाना चाहिए। ऐसी भ्रांतियां समाज मे फैली हुई है महिलाएं गर्भ धारण नहीं कर सकती जो कि गलत है।

मिर्गी की बीमारी के लक्षण

मिर्गी का मुख्य लक्षण बार-बार दौरे पड़ना है। यदि मरीज में एक या अधिक लक्षण मौजूद है तो तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

आंशिक दौरे- इसमें कोई बड़ी हानि नहीं होती। इसमें कुछ लक्षण देखने को मिलते हैं। जैसे चक्कर आना, शरीर के अंगों में झनझनाहट का अनुभव होना, स्वाद, गंध, दृष्टि में बदलाव होना।

जटिल आंशिक दौरे- इसमें जागरूकता या चेतावनी की क्षति शामिल होती है। इसमें मरीज कोई प्रतिक्रिया नहीं करता, एक ही जगह पर नजरें टिकाए रखना, एक ही कार्य को पुनः दोहराता है।

सामान्यकृत दौरे- इसमें मुख्य रूप से मस्तिष्क शामिल होता है। सामान्यकृत में 6 प्रकार के दौरे होते हैं। उनके भिन्न-भिन्न लक्षण मरीज में नजर आते हैं।

बच्चों का मिर्गी से बचाव कैसे करें

बच्चों को प्रोटीन वाले आहार अधिक दे, बच्चों को सिर में चोट लगने से बचाव करें और साइकिल चलाते समय हेलमेट पहनने की सलाह दें, बच्चों को सही समय सोने की सलाह दें क्योंकि नींद की कमी दौरे पैदा कर सकता है। बच्चे को अधिक शोरगुल वाली जगह पर नहीं ले जाए, अधिक तनाव बच्चे में मिर्गी के दौरे का कारण बनता है। इसलिए यह सावधानियां आमजन को बरतनी चाहिए।

उत्तराखंड के सीएम धामी आज जाएंगे लखनऊ, विभिन्न कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा

यह सावधानियां रखें

न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित खंडेलवाल ने बताया कि रोजाना कम से कम सात आठ घंटे की पर्याप्त नींद लेनी चाहिए रोगी को जूता प्याज आदि ने सॉन्ग आए मुंह पर पानी ना डालें सांस लेने में परेशानी होती है झाड़-फूंक ने करें मुंह में कपड़ा नैनों से समस्या हो सकती है मिर्गी का दौरा मात्र दो-तीन मिनट तक रहता है इसलिए लोगों को लगता है कि शायद उनके नुस्खे की वजह से सब कुछ ठीक हो गया है।