भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण 3 और 4 अप्रैल को ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर किया गया। मिसाइल के चार उड़ान परीक्षण किए गए, जिनमें इसने अपने सभी लक्ष्यों को सटीक रूप से नष्ट कर दिया। परीक्षण के दौरान मिसाइल ने लंबी और छोटी दूरी के साथ-साथ ऊंचाई पर और नीचे उड़ रहे हवाई लक्ष्यों को भी निशाना बनाया। यह हथियार प्रणाली दुश्मन के विमानों, ड्रोन और मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम है।
इन परीक्षणों के दौरान रडार और इन्फ्रारेड ट्रैकिंग सिस्टम की मदद से उड़ान डेटा को रिकॉर्ड और सत्यापित किया गया। डीआरडीओ ने इस मिसाइल को इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के सहयोग से भारतीय सेना के लिए विकसित किया है। यह मिसाइल प्रणाली मल्टी-फंक्शन रडार, कमांड पोस्ट और मोबाइल लॉन्चर से लैस है, जिससे यह किसी भी स्थिति में तेज और सटीक हमले करने में सक्षम है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और भारतीय सेना की सफलता पर दी बधाई
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, भारतीय सेना और रक्षा उद्योगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह हथियार प्रणाली सेना की क्षमताओं को और मजबूत करेगी। डीआरडीओ प्रमुख समीर वी. कामत ने भी इस उपलब्धि को काफी अहम बताया और परीक्षण में शामिल वैज्ञानिकों और सेना अधिकारियों की सराहना की।
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