केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिसंबर 2019 में प्रदर्शन करने वाले प्रदर्शनकारियों से वसूली गई रकम को वापस करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (18 फरवरी 2022) के आदेश को तो आपने पढ़ा होगा, लेकिन ये आधा सच है। पूरा सच ये है कि सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार (Yogi Government) सीएए दंगाइयों से वसूली करे, लेकिन ‘उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी एक्ट, 2020’ कानून के तहत करे।
Hold the biriyani. Mute the music. Wipe your smiles.
Alleged law handles and @PTI_News are (deliberately?) misreporting UP Govt withdrawing 2019 notices to #CAA vandals for damaging public property.
SC has said damages must be recovered from CAA vandals, but under 2020 law.
n1— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) February 18, 2022
इस पर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार कंचन गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने वाले सीएए विरोधियों को जारी नोटिस को वापस लेने की गलत रिपोर्टिंग की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नुकसान की वसूली होनी चाहिए, लेकिन 2020 के कानून के तहत।
UP will now reframe notices under its 2020 law and serve them again on #CAA vandals and quantum etc will be determined by tribunal to be set up under 2020 law.
All those gloating and celebrating that SC has blocked punishments for #CAA vandals, please don’t order biriyani yet.
n2— Kanchan Gupta (Hindu Bengali Refugee)🇮🇳 (@KanchanGupta) February 18, 2022
कंचन गुप्ता के मुताबिक, “यूपी सरकार अब 2020 कानून के तहत फिर से सीएए उत्पातियों को नोटिस जारी करेगी और 2020 के कानून के तहत स्थापित ट्रिब्युनल सजा का प्रावधान करेगा। वे लोग जो खुश हैं और जश्न मना रहें हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने CAA विरोधियों के लिए सजा को रोक दिया है, अभी बिरयानी का ऑर्डर न दें।” कंचन गुप्ता ने कहा कि अब राज्य सरकार 2020 कानून के तहत आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है।
मीडिया ने सुप्रीम को निर्देश को किस तरह कवर किया, इसकी कुछ बानगी नीचे हैं। खबरों की इन हेडलाइन को पढ़कर स्पष्ट हो जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्या निर्देश दिया और मीडिया ने उसे किस अंदाज में कवर किया।
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बार ऐंड बेंच ने अपनी स्टोरी में हेडलाइन दिया, ‘CAA विरोधी प्रदर्शन: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को राज्य द्वारा नोटिस वापस लेने के बाद प्रदर्शनकारियों से वसूल की गई राशि वापस करने का आदेश दिया।’