गोरखपुर । पहले कोरोना और अब पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की विभीषिका पर नियंत्रण पाने के लिए ग्राउंड जीरो पर उतरे सूबे के रहबर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर स्थिति पर पैनी नजर है। कौन किस स्थिति में है, इसकी भी उन्हें बराबर खबर है। शुक्रवार से ही वह पूर्वांचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हैं। खुद अपने हाथों से राहत सामग्री का वितरण कर रहे हैं।
जनता के बीच जाकर उनकी परेशानी जान रहे हैं, निदान के लिए अधिकारियों को हिदायत दे रहे हैं। खुद लोगों को सरकार की उन योजनाओं से रूबरू करा रहे हैं जिनका लाभ उठाकर वह आपदा में हुई हानि की भरपाई कर सकें। उन्होंने बाढ़ आने से पहले बचाव के कई ठोस इंतज़ाम किए, बाढ़ की स्थिति में वह लोगों के बीच प्रतिबद्ध भाव से मदद कर रहे हैं और साथ ही बाढ़ के बाद की स्थिति से निपटने को भी अभी से फुलप्रूफ तैयारी में जुट गए हैं। और हां, आपदा की इस घड़ी में ‘देश के भावी भविष्य’ के प्रति उनकी आत्मीयता, उनके सेहत की चिंता किसी को भी भाव विह्वल कर देने वाला है।
जैसा कि वह बार बार प्रमाणित करते रहते हैं कि सही मायने में वह अनाथों के नाथ हैं, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान भी उन्होंने इसकी नजीर पेश की। प्रोटोकाल के इतर बच्चों को गोद में लेकर दुलारना हो या फिर किसी बुजर्ग से उसके पास जाकर मिलना, योगी भीड़ से हटकर पहल करते दिखते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे की शुरुआत सिद्धार्थनगर से की। जिले का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद वह डुमरियागंज तहसील क्षेत्र के बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे। यहां बाढ़ पीड़ितों के बीच खुद जाकर उनका हाल जाना, उन्हें अपने हाथों से राहत सामग्री दी और इत्मीनान से उनकी बातों को सुन भरोसा दिलाया कि उनके रहते किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। परिवार के सदस्य की भांति वह उनके दुख दर्द को दूर करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
यह सीएम योगी का निर्देश ही था कि बाढ़ प्रभावितों को कुर्सियों पर बैठाया गया था और मुख्यमंत्री खुद चलकर उनके पास पहुंच रहे थे। मुख्यमंत्री जब बाढ़ प्रभावित लोगों से मिल रहे थे तभी उनकी नजर अपनी माताओं व परिजनों की गोद में बैठे नौनिहालों पर पड़ गई। उन्होंने बच्चों को अपनी गोद में उठा लिया। उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से बिस्किट खिलाया। यही नहीं सीएम योगी ने इन नौनिहालों के परिजनों को एक अभिभावक की तरह उनके स्वास्थ्य के लिए सजग भी किया।
मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की यह तस्वीर डुमरियागंज के साथ ही सिद्धार्थनगर, महराजगंज और गोरखपुर के उन सभी बाढ़ राहत केंद्रों पर दिखी जहां भी वह बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे। सबकुछ दिल को छू लेने वाला।