बोनस न देकर फेस्टिवल एडवांस के नाम पर धोखा, नाराजगी बढ़ी

राज्य सरकार द्वारा बोनस न दिये जाने से कर्मचारियों में घोर निराशा एवं असन्तोष

कर्मचारी

लखनऊ। उप्र चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ की प्रदेश कार्यकारिणी की एक अति आवश्यक बैठक सोशल डिस्टैंसिंग दो गज दूरी मास्क है जरूरी के अन्तर्गत प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे की अध्यक्षता में संघ भवन लोनिवि में सम्पन्न हुई।

 बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे एवं प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने कहा कि वर्तमान सरकार के इस प्रकार के गैर जिम्मेदारान रवैये से कर्मचारियों में निराशा एवं असन्तोष का भाव पनप रहा है। एक तरफ पिछले डीए का भुगतान नहीं किया गया। अनेकों भत्ते समाप्त कर दिये गये व अब दीपावली पर मिलने वाले बोनस से वंचित करने के षड्यन्त्र के तहत फेस्टिवल एडवांस की घोषणा करके कर्मचारियों के साथ धोखा किया गया है। फेस्टिवल एडवांस के नाम पर रु 2800  देकर रु 10000 की वसूली करेंगे जो निंदनीय है।

राज्य सरकार दीपावली के पहले बोनस के बजाय कर्मचारियों को स्पेशल फेस्टिवल पैकेज एडवांस की घोषणा करके कर्मचारियों से दोहरा फायदा वसूल कर रही है। सरकार की यह घोषणा कर्मचारियों के गले के नीचे नहीं उतर रही है। इसके प्रति प्रदेश के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को सजग करते हुए चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने सरकार की इस व्यवस्था को कर्मचारियों को बरगलाने वाला बताया।

चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दुबे महामंत्री सुरेश सिंह यादव ने दीपावली से पहले कर्मचारियों को बोनस देने की मांग करते हुए कहा कि स्पेशल फेस्टिवल पैकेज के नाम पर कर्मचारियों को बरगलाने के बजाय पेंशनर्स एवं कर्मचारियों का हड़पा गया डीए एवं अन्य भत्ते उन्हें लौटाया जाय। कोरोना काल में कोरोना योद्धा की तरह कार्य करने वाले कर्मचारियों के भत्तों को सरकार ने पहले ही छीन लिया। अब वर्षों से मिलने वाला बोनस भी सरकार द्वारा छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि बोनस के स्थान पर सरकार कर्मचारियों को ब्याज मुक्त कर्ज का लालीपाप दे रही कर्मचारी अब सरकार के झांसे में आने वाला नहीं है। महासंघ ने कर्मचारियों को सचेत करते हुये कहा कि फेस्टिवल एडवांस के मकड़जाल में फंसने की जरूरत नहीं है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामराज दूबे प्रदेश महामंत्री सुरेश सिंह यादव द्वारा मांग की गयी कि कर्ज से बेहतर है कि सरकार द्वारा हड़पा गया डीए डीआर उन्हें लौटा दे। इसके साथ ही सरकार कर्मचारियों को पूर्व की भांति बोनस का भुगतान करे। यदि समय रहते सरकार ने पूर्व बकाया डीए डीआर बोनस का भुगतान नहीं किया जाता तो आने वाले दिनों में कर्मचारियों द्वारा इस सरकार को बाहर का रास्ता दिखाने का काम किया जायेगा। बैठक में उपस्थित सर्वश्री महेन्द्र कुमार पाण्डेय, भारत सिंह यादव, मान सिंह, दूधनाथ, रामयश, सीताराम, शेख निसाद अहमद, नौरिश पौल, केवी जोशी, जगदीश सिंह, नान्हू प्रसाद, श्री कृष्ण गोस्वामी, हुसैन अब्बास, राम जी तिवारी, श्याम सुन्दर यादव, शैलेश त्यागी, संजय श्रीवास्तव, रामेन्द्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार, रजनीश, मितुल सोनकर, राजकुमार यादव, वासुदेव कश्यप, पीएन पाण्डेय, राम विलास यादव, आशुतोष उपाध्याय, राम स्वयंवर यादव, भाई लाल, शमशेर अहमद, परशुराम कश्यप, राजेश मिश्रा, मंशाराम, राजकुमार सिंह, हरिकेश प्रसाद, राम बदल दुबे, त्रिलोकी प्रसाद यादव, अश्वनी कुमार पाण्डेय, हुकुम सिंह, राज किशोर गुप्ता, राज नारायण पाल, मो इरफान, रविशंकर यादव, राजू, इच्छाशंकर, छोटेलाल, लालजी प्रसाद, जय प्रकाश, संजय कुमार तिवारी, सुनील कुमार वर्मा, शिव कुमार आदि ने सरकार से डीए डीआर बोनस तत्काल देने की मांग की।