दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार 25 मार्च से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ शुरु करने जा रही थी लेकिन केन्द्र सरकार को योजना के नाम पर आपत्ति है। इस लिए यह योजना तो चलती रहेगी लेकिन इसका कोई नाम नहीं होगा।

मुख्यमंत्री ने शनिवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ को 25 मार्च से शुरु करने की तैयारी कर रही थी। लेकिन केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें गत शुक्रवार को एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें लिखा है कि वो इस योजना को मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना के नाम से नहीं चला सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि वो केन्द्र के इस सुझाव का स्वागत करते हैं। इस लिए वो इस योजना को चालू रखेंगे लेकिन इसका कोई नाम नहीं होगा। उनकी सरकार पब्लिसिटी के लिए यह कार्य नहीं कर रही है। पहले हमें केन्द्र से राशन मिलता था उसे दुकानदार बांटते थे। अब हम उस राशन को घर-घर पहुंचाएंगे। लेकिन इसको कोई नाम नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि अब जब 22 साल पुराना सपना सच होने वाला था तो केन्द्र सरकार का पत्र पढ़ थोड़ा दिल बैठ गया। लेकिन अब हम कोई अड़चन नहीं आने देंगे। केंद्र सरकार की सारी बातें मानेंगे। परसों कैबिनेट की बैठक है। उसमें निर्णय लेंगे और पूरा प्रस्ताव केंद्र के पास भेज देंगे।
यह भी पढ़े: चीनी वैक्सीन लगवाना इमरान खान को पड़ा भारी, दो दिन में हो गए कोरोना पॉजिटिव
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि दिल्ली की जनता को आराम से राशन मिले। उन्हें लाइनों में न लगना पड़े। इसी लिए कुछ समय पहले यह निर्णय लिया गया था कि दिल्ली में जिनको राशन लेने के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं उनको राशन घर-घर पहुंचाया जाए। इसी उद्देश्य को अमली जामा पहने के लिए यह योजना हम लाने वाले थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नाम के लिए काम नहीं करती उनका उद्देश्य है कि दिल्ली की जनता को किसी समस्या का सामना न करना पड़े। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली से राशन माफिया को खत्म करने के लिए डोर-डोर राशन पहुंचाया जाना जरूरी है इस लिए यह योजना बिना नाम के जारी रहेगी।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine