सुप्रीम कोर्ट पहुंचा नए संसद भवन का मामला, याचिका में कहा- राष्ट्रपति से कराना चाहिए उद्घाटन

नए संसद भवन के उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। याचिका लगाकर मांग की गई है कि राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराया जाना चाहिए। राष्ट्रपति को कार्यक्रम में नहीं बुलाकर संविधान का उल्लंघन किया गया है।

जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया सुकिन ने लगाई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वह लोकसभा सचिवालय और केंद्र सरकार को निर्देश दे कि राष्ट्रपति द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन किया जाए। अपनी याचिका में सुकिन ने कहा है कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने भारत के संविधान का उल्लंघन किया है।

सुकिन ने कहा कि संसद भारत की सर्वोच्च विधायी संस्था है। संसद राष्ट्रपति और दो सदनों लोकसभा और राज्यसभा से मिलकर बनती है। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन का सत्र बुलाने और उसे स्थगित करने की शक्ति है। राष्ट्रपति के पास संसद और लोकसभा को भंग करने की शक्ति है। याचिका में कहा गया है, “नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रपति को नहीं बुलाना उचित नहीं है। राष्ट्रपति संसद के अभिन्न अंग हैं। शिलान्यास समारोह से राष्ट्रपति को क्यों दूर रखा गया? अब राष्ट्रपति को उद्घाटन समारोह में भी नहीं बुलाया गया है। सरकार का यह फैसला उचित नहीं है।”

यह भी पढ़ें: बजरंग दल की तुलना PFI से करना खरगे को पड़ेगा भारी? कोर्ट ने कहा- कोर्ट में हाजिर हों कांग्रेस अध्यक्ष

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का उद्घाटन

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। कांग्रेस ने राष्ट्रपति से संसद भवन का उद्घाटन कराए जाने की मांग की थी। इसके बाद दूसरी पार्टियों ने भी यही मांग की। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है। वहीं, 15 पार्टियां इस आयोजन में हिस्सा ले सकती हैं।