बजरंग दल की तुलना PFI से करना खरगे को पड़ेगा भारी? कोर्ट ने कहा- कोर्ट में हाजिर हों कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के लिए बजरंग दल की तुलना पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी कि PFI से करना भारी पड़ता नजर आ रहै है। संगरूर कोर्ट के जज रमनदीप कौर ने शिकायतकर्ता हितेश भारद्वाज की शिकायत के तहत 18 मई को कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ समन जारी किया है। अदालत ने खरगे को आदेश दिया है कि 10 जुलाई 2023 को खुद खरगे कोर्ट में हाजिर हों। यदि वह दी हुई तारीख को अदालत में हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी गैरहाजिरी में ही शिकायतकर्ता का पक्ष सुना जाएगा।

आखिर क्या है पूरा मामला?

बजरंग दल के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी और कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस के मैनिफेस्टो में इसकी तुलना प्रतिबंधित संगठन ‘PFI’ से करने को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ हितेश भारद्वाज ने मामला ने 100 करोड़ 10 लाख रुपये का मानहानि का मामला दर्ज कराया था। कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के लिए 2 मई को जारी अपने मैनिफेस्टो में कहा था कि वह जाति व धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले बजरंग दल और PFI जैसे संगठनों तथा व्यक्तियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। घोषणापत्र के मुताबिक, कार्रवाई में इस तरह के संगठनों के खिलाफ प्रतिबंध भी शामिल है।

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बजरंग दल ने रखा अपना पक्ष

याचिकाकर्ता के वकील ललित गर्ग ने कहा था, ‘PFI से तुलना किये जाने से बजरंग दल और हिंदू सुरक्षा परिषद के करोड़ों सदस्यों की गरिमा को ठेस पहुंची है तथा इसने भगवान हनुमान के आराधकों की भी मानहानि की है।’ याचिकाकर्ता ने उनकी प्रतिष्ठा और सम्मान को ठेस पहुंचने को लेकर विशेष हर्जाना दिये जाने की मांग की है और 100 करोड़ रुपये का मानहानि का वाद दायर किया है। गर्ग ने दलील दी कि सामाजिक संगठन बजरंग दल ने मानवता के लिए कई कार्य किये हैं। बता दें कि मानहानि के इस तरह के मुकदमों में यदि 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो सांसदों या विधायको को अपने पद से हाथ धोना पड़ता है।