इस बार वन महोत्सव में कुल 35 करोड़ पौधे रोपे जाने हैं, जो उप्र की कुल आबादी से भी अधिक होंगे : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने आगामी जुलाई माह में आयोजित होने जा रहे वन महोत्सव एवं नदियों के पुनरुद्धार कार्यों की समीक्षा की
  • वृक्षारोपण महाभियान-2025 के ‘लोगो’ का अनावरण किया
  • मुख्यमंत्री ने वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान करने की घोषणा की

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में आगामी जुलाई माह में आयोजित होने जा रहे वन महोत्सव एवं नदियों के पुनरुद्धार कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण महाभियान-2025 के ‘लोगो’ का अनावरण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस अभियान को प्रदेशव्यापी जनान्दोलन का रूप दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस बार हम एक दिन में प्रदेश की कुल जनसंख्या से भी अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
मुख्यमंत्री  ने कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम पर आधारित इस वृक्षारोपण महाअभियान में हमारा सामूहिक प्रयास प्रदेश को ‘हीटवेव से ग्रीनवेव’ की ओर ले जा रहा है। वर्ष 2017 से वर्ष 2024 के बीच प्रदेश में 204.92 करोड़ से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं और भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 से वर्ष 2023 के दौरान उत्तर प्रदेश के हरित आवरण में ऐतिहासिक रूप से तीन लाख एकड़ की वृद्धि दर्ज की गई है, जो व्यापक जनसहभागिता से ही सम्भव हुआ है।

मुख्यमंत्री ने इस वर्ष वन महोत्सव में एक अभिनव पहल की घोषणा करते हुए कहा कि वन महोत्सव की अवधि में जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान किया जाए। साथ ही, शिशु के अभिभावकों को एक पौधा भी भेंट किया जाए।

यह प्रयास पर्यावरणीय चेतना को व्यक्तिगत जीवन से जोड़ने का अभिनव प्रयोग होगा, जिसमें पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी उसी भावना से निभायी जाएगी, जैसी किसी नवजात की। उन्होंने निर्देश दिए कि इस पहल को अभियान का भावनात्मक आधार बनाया जाए और इसकी जानकारी जन-जन तक पहुंचायी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार वन महोत्सव में कुल 35 करोड़ पौधे रोपे जाने हैं, जो उत्तर प्रदेश की कुल आबादी से भी अधिक होंगे। उन्होंने इसे एक बड़ा पर्यावरणीय आयोजन बताते हुए कहा कि इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी जाए और ’पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ’ के संदेश को जन-जन तक पहुँचाया जाए। कार्ययोजना के सम्बन्ध में अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस बार वन विभाग द्वारा 12 करोड़ 60 लाख पौधे तथा अन्य विभागों द्वारा 22 करोड़ 40 लाख पौधे लगाए जाएंगे।

विभागवार लक्ष्यों का निर्धारण किया जा चुका है और ग्रामीण व शहरी माइक्रोप्लान पर कार्य प्रगति पर है। समन्वय हेतु सभी विभागों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है। पौधों की आपूर्ति हेतु 1,901 वन विभागीय पौधशालाओं, 146 उद्यान विभाग की पौधशालाओं, 55 रेशम विभाग की पौधशालाओं तथा 484 निजी पौधशालाओं में कुल 52 करोड़ 43 लाख पौधों की नर्सरी तैयार की गई है, जिनमें औद्योगिक, इमारती, फलदार, चारा एवं शोभाकार जैसी विविध प्रजातियों के पौधे उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री जी ने इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विभागवार कार्ययोजना को अत्यन्त गम्भीरता से लागू करने के निर्देश दिए। प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत लाभान्वित सभी विद्यालयों में वृहद स्तर पर पौधरोपण कराया जाए। इसी प्रकार, सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में सहजन सहित छायादार वृक्षों का रोपण आवश्यक रूप से किया जाए, ताकि इन संस्थानों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भविष्य में इसका लाभ मिल सके।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों और परिसरों में सघन पौधरोपण कराया जाए, जिससे औद्योगिक वातावरण अधिक हरित और स्वस्थ बन सके। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में नीम, पाकड़, पीपल जैसे वृक्षों का रोपण प्राथमिकता से किया जाए, जो गोवंश के लिए अत्यन्त लाभकारी सिद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री जी ने इस वर्ष वन महोत्सव के अन्तर्गत नदियों के पुनर्जीवन को भी केन्द्र में रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूर्व में किए गए संरक्षण प्रयासों से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं, जिन्हें आगे बढ़ाना जरूरी है।

इस बार वन महोत्सव के अन्तर्गत नदियों के दोनों तटों पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे जल गुणवत्ता और जैव विविधता दोनों को लाभ मिले। साथ ही, आवश्यकतानुसार नदियों का चैनलाइजेशन भी किया जाए। उन्होंने कहा कि नदियों के कैचमेण्ट क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी तालाबों के किनारों पर भी पौधरोपण सुनिश्चित हो और इन जल स्रोतों के संरक्षण व पुनर्जीवन का कार्य भी समानान्तर रूप से किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि इस अभियान को जनसहभागिता से जोड़ना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों में वृक्षारोपण के प्रति उत्साह और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए नुक्कड़ नाटकों, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं, प्रभात फेरियों, फोटोग्राफी प्रतियोगिताओं जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर फलदार वृक्षों जैसे आम, जामुन, इमली आदि का रोपण किया जाना चाहिए ताकि हरियाली के साथ-साथ पौष्टिकता भी बढ़े।

मुख्यमंत्री जी ने एक्सप्रेस-वे किनारे वृक्षारोपण के निर्देश देते हुए कहा कि गोरखपुर लिंक, पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड, आगरा-लखनऊ और गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराया जाए, जिससे सर्विस लेन और मुख्य मार्गों के बीच आकर्षक हरित पट्टी तैयार हो सके।

उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के सभी लाभार्थियों से कम से कम एक पौधा अवश्य लगवाने के लिए समन्वय की आवश्यकता जतायी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ग्राम सचिवालय, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा सार्वजनिक संस्थानों को भी पौधरोपण लक्ष्य से जोड़ा जाए।