विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में बजा एक और चुनावी महासंग्राम का बिगुल, शुरू हुई सियासी तैयारी

अभी हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के ठीक बाद उत्तर प्रदेश एक और चुनावी महासंग्राम की तैयारियों में जुट गया है। दरअसल, यूपी चुनाव आयोग (एसईसी) के साथ ब्लॉक प्रमुख (क्षेत्र पंचायतों के अध्यक्ष) चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा के साथ राजनीतिक मंच एक और जमीनी स्तर पर चुनाव के लिए तैयार है। सूबे में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले होने वाले इस चुनाव को भी खासा अहमियत दी जा रही है।

चुनाव आयोग के जारी की समयसीमा

चुनाव आयोग द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, सूबे के 826 ब्लॉकों में से 825 के लिए चुनाव होंगे। गोंडा में मुजेना ब्लॉक एकमात्र अपवाद है, जहां ब्लॉक प्रमुख का कार्यकाल साल 2022 में समाप्त होगा। 75,500 से अधिक वार्ड सदस्य चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रखंड अध्यक्ष का चयन करेंगे।

राज्य चुनाव आयुक्त मनोज कुमार द्वारा जारी समयसीमा के अनुसार, 8 जुलाई को नामांकन दाखिल किए जाएंगे और उसी दिन आवेदनों की जांच की जाएगी। 9 जुलाई को उम्मीदवार दोपहर तीन बजे तक अपना आवेदन वापस ले सकते हैं। मतदान और मतगणना 10 जुलाई को होगी।

हाल ही में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने 75 में से 66 सीटें जीतकर विरोधियों पर बढ़त बना ली है, जबकि उसके सहयोगियों ने एक और जीत हासिल की है। पार्टी ने 21 सीटों पर निर्विरोध जीत हासिल की। समाजवादी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों ने पांच सीटें जीतीं, जबकि तीन सीटें रालोद, जनसत्ता दल और एक निर्दलीय उम्मीदवार को मिलीं।

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सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण मानी जा रही है। साल 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए पार्टी अधिकतम लाभ पर नजर गड़ाए हुई है। हालांकि यह एक अप्रत्यक्ष चुनाव है, लेकिन परिणाम जीतने वाली पार्टी को मानसिक तौर पर बढ़ावा देंगे।